वारी वारी जाऊं भोले तेरी उज्जैनि आकर लिरिक्स

इस भजन में भक्त अपनी समर्पण भावना को प्रकट करते हुए महाकाल की नगरी उज्जैन के प्रति अपने अटूट विश्वास और प्रेम को व्यक्त करते हैं। वारी वारी जाऊं भोले तेरी उज्जैनि आकर भजन के माध्यम से श्रद्धालु महाकाल के दरबार में अपनी आत्मा का विलय करने का आह्वान करते हैं। यह भजन एक श्रद्धा और भक्ति का संदेश देता है, जो भक्तों को महाकाल के प्रति अपने समर्पण को और गहरा करने के लिए प्रेरित करता है।

Vari Vari Jau Bhole Teri Ujaini Akar

वारी वारी जाऊं भोले तेरी,
उज्जैनि आकर,
उज्जैनि आकर तेरी,
नगरी में आकर,
जीवन सफल बनाउ रे,
बाबा तेरे दर्शन में पाकर,
वारी वारी जाऊं भोले,
तेरी उज्जैनि आकर।।


क्षिप्रा तट उज्जैन विराजे,
कालों के महाकाल निराले,
तेरे दर पर आए सवाली,
हो जाते है वारे न्यारे,
जीवन धन्य बनाऊ रे भोले,
तेरी आरती गाकर,
वारी वारी जाऊँ रे भोले,
तेरी उज्जैनि आकर।।


महाकाल के दर्शन पाऊं,
जीवन अपना धन्य बनाऊं,
भंगिया और धतूरा चढ़ाऊं,
और मैं बाबा को मनाउ,
मस्त मगन हो जाऊं,
बाबा तेरी उज्जैनि आकर,
वारी वारी जाऊँ भोले,
तेरी उज्जैनि आकर।।


वारी वारी जाऊं भोले तेरी,
उज्जैनि आकर,
उज्जैनि आकर तेरी,
नगरी में आकर,
जीवन सफल बनाउ रे,
बाबा तेरे दर्शन में पाकर,
वारी वारी जाऊं भोले,
तेरी उज्जैनि आकर।।


भोलेनाथ की महिमा अपार है, और उनके भजनों की कोई सीमा नहीं है। उज्जैन की महाकाल की नगरी में आने से हर भक्त का जीवन धन्य हो जाता है। महाकाल के अन्य भजनों की तरह, इस भजन के माध्यम से भी भक्तों को शिवजी की शरण में आने और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सशक्त बनाने का मार्ग दिखाया जाता है। ऐसे भजनों का पाठ करना, जैसे महाकाल की गुलामी या भोले की शरण में भक्तों के दिलों में एक विशेष स्थान बना देता है और उन्हें हर मुश्किल से उबारने का आशीर्वाद देता है।









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