उज्जैन की पावन भूमि को मेरा प्रणाम भजन लिरिक्स

उज्जैन की पावन भूमि को मेरा प्रणाम एक अत्यंत भव्य और श्रद्धापूर्ण भजन है, जो उज्जैन की पवित्र भूमि को नमन करता है। यह भजन महाकाल के दिव्य दर्शन और उनकी महानता का गुणगान करता है। उज्जैन, जो महाकाल की नगरी के रूप में प्रसिद्ध है, वहां की भूमि का महत्व श्रद्धालुओं के लिए बहुत अधिक है। इस भजन के माध्यम से भक्त महाकाल की भूमि और उनके चरणों में समर्पित होते हैं, और उनके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं। यह भजन भक्तों को उज्जैन की महिमा और महाकाल के अद्वितीय रूप की याद दिलाता है।

Ujjain Ki Pavan Bhumi Ko Mera Pranam

दोहा
इतना दिया महाकाल ने मुझे,
जितनी मेरी औकात नही…
ये तो कर्म है महाकाल का,
मुझमे तो कोई बात नही।



उज्जैन की पावन भूमि,
को मेरा प्रणाम…
महाकाल तेरी,
नगरी को मेरा प्रणाम।
जय जय महाकाल,
जय जय महाकाल।।



उज्जैन नगरी मेरे,
दिल में उतर गई…
माटी लगा ली सर पे,
किस्मत संवर गई,
ओ मिट्ठी उठा ली राख से…
और दिल बना दिया,
इस पागल को भी बाबा,
तूने काबिल बना दिया…
उज्जैन नगरी मेरे,
दिल में उतर गई,
माटी लगा ली सर पे…
किस्मत संवर गई,
झोली थी खाली मेरी,
झोली ये भर गई….
महाकाल महाराज,
ओ प्राणो के प्राण,
महाकाल तेरी….
नगरी को मेरा प्रणाम।
जय जय महाकाल,
जय जय महाकाल।।


कुम्भ का लगता मेला,
वो बारह साल में,
अमृत की बहती धारा…
क्षिप्रा की धार में,
चिंतामन चिंता हरे,
और क्षिप्रा करे निहाल…
दया करे माँ हरसिद्धि,
और रक्षा करे महाकाल,
कुम्भ का लगता मेला,
वो बारह साल में…
अमृत की बहती धारा,
क्षिप्रा की धार में,
श्रद्धा सबुरी भर लो,
जीवन की नाव में,
महाकाल महाराज…
ओ प्राणो के प्राण,
महाकाल तेरी,
नगरी को मेरा प्रणाम।
जय जय महाकाल,
जय जय महाकाल।।


उज्जैन की पावन भूमि,
को मेरा प्रणाम…
महाकाल तेरी,
नगरी को मेरा प्रणाम…
जय जय महाकाल,
जय जय महाकाल।।


उज्जैन की पावन भूमि पर स्थित महाकाल की शक्ति अनंत है, और उनके भजन में समाहित आशीर्वाद हमारे जीवन को शुद्ध और दिव्य बना देते हैं। महाकाल की भूमि पर ध्यान और श्रद्धा रखने से हर कठिनाई आसान हो जाती है। महाकाल के दर्शन और शिव शंकर भोलेनाथ जैसे भजन हमें उनके आशीर्वाद की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं। इस तरह के भजनों को पढ़ने और करने से हम महाकाल की कृपा प्राप्त करते हैं, जो हमारे जीवन को शांति और समृद्धि से भर देती है।









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