उज्जैन के महाराज हो दीनो के दीनानाथ हो लिरिक्स

उज्जैन के महाराज हो दीनो के दीनानाथ हो यह भजन भगवान महाकाल की महिमा का गान करता है। यह भजन उज्जैन के महाकाल के प्रति भक्तों की श्रद्धा और भक्ति को व्यक्त करता है। महाकाल, जो दीन-दुखियों के रक्षक और संसार के पालनहार हैं, उनके चरणों में अडिग विश्वास रखने वाले भक्तों का यह गीत है। इस भजन के माध्यम से भक्त महाकाल से अपनी भक्ति को व्यक्त करते हैं और उनके आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं।

Ujjain Ke Maharaj Ho Dino Ke Dinanath Ho

उज्जैन के महाराज हो,
दीनो के दीनानाथ हो।
तुम कालों के काल हो,
बाबा महाकाल हो।।

दरबार में भोले के देखो,
झूम झुम जयकार लगे।
झूम झुम जयकार लगे,
भंग के रसिया भक्तो के संग,
झूम झूम इतराने लगे।
झूम झूम इतराने लगे,
हर हर का जब साथ हो,
बम बम का जयकार हो।
तुम कालों के काल हो,
बाबा महाकाल हो।।

मंदिर में महाकाल सजे,
और ढोल नगाड़ा डमरू बजे।

ढोल नगाड़ा डमरू बजे,
झांझ मजीरे शंख मृदंग,
ताशे संग घड़ियाल बजे।
ताशे संग घड़ियाल बजे,
तन पे भस्म भभूत हो,
संग में भंग का रंग हो।
तुम कालों के काल हो,
बाबा महाकाल हो।।

मेरे मन में है महाकाल,
मोह न माया और कोई जाल,
मोह न माया और कोई जाल।
जो कोई पूछे मेरा हाल,
मेरे मुख पर जय महाकाल,
मेरे मुख पर जय महाकाल।
बाबा मुझको तार दो,
सुन लो मेरी पुकार को,
तुम कालों के काल हो,
बाबा महाकाल हो।।

उज्जैन के महाराज हो,
दीनो के दीनानाथ हो।
तुम कालों के काल हो,
बाबा महाकाल हो।।


उज्जैन के महाराज हो दीनो के दीनानाथ हो भजन भगवान महाकाल की महानता और उनकी अनमोल कृपा को प्रकट करता है। महाकाल जी की भक्ति और उनका आशीर्वाद हमेशा हमें जीवन में सही दिशा दिखाता है और हमारी राहों को प्रकाशित करता है। महाकाल की भक्ति में डूबने से व्यक्ति जीवन के हर दुख-दर्द से मुक्त होता है। इस भजन के साथ भोलेनाथ की महिमा और शिव के रूप में आप विराजे जैसे भजन भी महाकाल की अद्वितीयता और उनके भक्तों के प्रति प्रेम का गान करते हैं। इन भजनों को पढ़ने से शिव की भक्ति में गहराई आती है और मनुष्य को सच्चे मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है।

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