Tu Rani Rajgharane Ki
तू रानी राजघराने की,
हट छोड मुझे तू पाने की,
जट्टा जट्ट हर हर हर शंभू,
महादेव हर हर हर शंभू॥
तू रानी राजघराने की,
हट छोड मुझे तू पाने की।
तू रानी राजघराने की,
हट छोड मुझे तू पाने की,
में भसम में लेने अघोरी हूं,
जिद्द छोड़ हिमालय आने की,
तू रानी राजघराने की,
हट छोड मुझे तू पाने की…..
तेरी कोमल देह है फूलो सी,
मैं कांटो पर विश्राम करु,
तू करे सिंगर मेरी गोरा,
मैं तन पर अपने भसम राममु,
मेरा बिच हिमालय डेरा है,
मेरा बिच हिमालय डेरा है,
हर ओर से बर्फ़ ने घेरा है,
तू रानी राजघराने की,
हट छोड मुझे तू पाने की…..
ओह भोले हम तो लुट गए तेरे प्यार में,
तेरे ही प्यार में तेरे इंतजार में….-2
मेरे गले में लिपटा भुजंगा है
सर पर तेरी सोतन गंगा है
कोई कुंवर धुंध जा बेठ महल
तेरा मेरा साथ ना चंगा है,
मैं शमसानों का वासी हूं,
मैं शमसानों का वासी हूं,
संग भुत प्रेत सन्यासी हूँ,
तू रानी राजघराने की,
हट छोड मुझे तू पाने की….

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile