Tu Jag Ka Vidhata Hai
भोले शंकर दानी,
तू जग का विधाता है,
अपने भक्तो का तू,
अपने भक्तो का तू,
बस दीन दाता है,
भोलें शंकर दानी,
तू जग का विधाता है……….
जब दुनिया सोती है,
तब तू ही जगता है,
जग का पालन पोषण,
बस भोला करता है,
भक्तों के कष्टों को,
भक्तों के कष्टों को,
तू दूर भगाता है,
भोलें शंकर दानी,
तू जग का विधाता है………..
कोई दूध से नहलाए,
जल कोई चढ़ा जाए,
कोई उख का जल सींचे,
कोई भंग पीला जाए,
कोई आक धतूरे का,
कोई आक धतूरे का,
तुझे भोग लगाता है,
भोलें शंकर दानी,
तू जग का विधाता है………..
किस्मत ही बदल डाले,
जो नाम जपे तेरा,
आफत से तू टाले,
जो ध्यान धरे तेरा,
चरणों में ‘हर्ष’ तेरे,
चरणों में ‘हर्ष’ तेरे,
ये शीश झुकाता है,
भोलें शंकर दानी,
तू जग का विधाता है……….
भोले शंकर दानी,
तू जग का विधाता है,
अपने भक्तो का तू,
अपने भक्तो का तू,
बस दीन दाता है,
भोलें शंकर दानी,
तू जग का विधाता है……

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile