Tu Hi Sab Me Tu Jag Me
माथे पे बिराजते हैं चंदा,
गले में है शेष भोलेनाथ के,
वादियों में रहता मेरा बाबा,
चरणो मैं रहते भूत रात के,
नैया बचाई मेरे शंभु ने मेरी,
बिगड़ी बनायी भोलेनाथ ने,
तू ही सब है, तू जग है
मेरा तो तू रब है,
तू ही सब में तू जग में,
बसता है रग रग में…
तू ही तो श्रीकण्ठ धारी, तू ही तो है सर्वशाली,
एक में अनेक शंभु भोले,
तेरे इक प्रकाश से ही मिटती है विपदा सारी,
शक्ति का आयाम तू है भोले,
कहते हैं त्रिनेत्रधारी जिसको,
बाबा है मेरा देवनाथ वो,
जटाओ से बहती गंगा जिसके,
गोरापति हैं शम्भुनाथ वो,
पार लगाई मेरे शम्भु ने मेरी,
दुनिया बनाई भोलेनाथ ने,
तू ही सब है, तू जग है
मेरा तो तू रब है,
तू ही सब मैं तू जग में,
बसता है रग रग में…
महादेवा ओ महादेवा…
तेरी क्या तारीफ करू, हर तारीफ से तू ऊपर है,
तू ही काल है तू ही सत्य स्वर्ग तेरे ही दर पर है,
तुझ से है सब बनता बिगड़ता,
तू ही सब के कष्ट है हरता,
तेरे दर पर जो आए ना खाली झोली जाता है,
हर मुराद पे हक है तेरा मन इच्छा फल पाता है,
मन इच्छा फल पाता है,
मन इच्छा फल पाता है…

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile