शिव तो ठहरे सन्यासी गौरा पछताओगी भजन लिरिक्स

शिव तो ठहरे सन्यासी, गौरा पछताओगी भजन महादेव के त्यागमयी, वैरागी स्वरूप और माता गौरा के प्रेम व समर्पण को दर्शाता है। यह भजन शिव-पार्वती के दिव्य संबंध की गहराई को प्रकट करता है, जिसमें शिव का सन्यासी रूप और गौरा का अटूट प्रेम दोनों ही झलकते हैं। इसे करने से हमें भक्ति, त्याग और समर्पण का वास्तविक अर्थ समझने का अवसर मिलता है।

Shiv To Thahare Sanyasi Gaura Pachhataogi Bhajan Lyrics

शिव तो ठहरे सन्यासी,
गौरा पछताओगी
भोला योगी संग कैसे,
अरे जिंदगी बिताओगी
शिव तो ठहरें सन्यासी,
गौरा पछताओगी।।

ऊँचे ऊँचे पर्वत पर,
शिव जी का डेरा है
नंदी की सवारी गौरा,
कैसे कर पाओगी
शिव तो ठहरें सन्यासी,
गौरा पछताओगी।।

आगे ना कोई पीछे,
गौरा तेरे दूल्हे के
दिलवाला हाल गौरा,
अरे किसको सुनाओगी
शिव तो ठहरें सन्यासी,
गौरा पछताओगी।।

महलों में पली गौरा,
राज दुलारी बनकर
शिव जी को भंग घोटकर,
कैसे पिलाओगी
शिव तो ठहरें सन्यासी,
गौरा पछताओगी।।

गौरा बोली सखियों से,
अरी तुम क्या जानो री
जैसा वर पाया मैंने,
वैसा तुम क्या पाओगी
शिव तो ठहरें सन्यासी,
गौरा पछताओगी।।

शिव तो ठहरे सन्यासी,
गौरा पछताओगी
भोला योगी संग कैसे,
अरे जिंदगी बिताओगी
शिव तो ठहरें सन्यासी,
गौरा पछताओगी।।

महादेव के सन्यासी स्वरूप को समझना और उनकी भक्ति में लीन रहना ही सच्चा मोक्ष मार्ग है। भोलेनाथ की महिमा अपरंपार है, और उनकी भक्ति करने से जीवन धन्य हो जाता है। शिव की भक्ति में मग्न रहने के लिए भोलेनाथ तुम्हारा भोलापन , भोले ने जिसे चाहा मस्ताना बना डाला , महाकाल की गुलामी मेरे काम आ रही है , और जो शिव भोले की भक्ति में रम जाएगा जैसे अन्य शिव भजनों को भी करें और उनकी कृपा प्राप्त करें। 🚩🔱

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