Shiv Shiv Japa Kar
शिव शिव शिव शिव जपा कर,
हर हर हर हर रटा कर,
चंचल मन, कर चिन्तन…..
क्या मैं दे दूँ रंग की रंगाई,
नेग भरूँ क्या मूरत दिखाई,
किस विध भोले करूँ रिझाई,
सबसे ऊँची प्रेम सगाई,
सिद्धि साधन ध्यान समर्पण,
तन मन धन अर्पण,
शिव शिव शिव शिव जपा कर,
हर हर हर हर रटा कर,
शिव शिव शिव शिव जपा कर,
हर हर हर हर रटा कर….
पाहन जड़ चेतन हो जाता,
काल नाचता सबै नाचता,
मौन ही भीतर अनहद गाता,
सारा विष अमृत हो जाता,
लौटा सोटा और कमण्डल,
डमरू की डम डम,
शिव शिव शिव शिव जपा कर,
हर हर हर हर रटा कर,
शिव शिव शिव शिव जपा कर,
हर हर हर हर रटा कर…..
चंचल मन, कर चिन्तन

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile