शिव शिव भोले नाथ अरज सुन लेना भजन लिरिक्स

शिव शिव भोले नाथ अरज सुन लेना यह भजन भगवान शिव के प्रति भक्तों की निष्ठा और समर्पण का प्रतीक है, जिसमें भक्त भगवान शिव से अपनी अरज (प्रार्थना) सुनने की विनती करते हैं। इस भजन में शिव जी के भोलेनाथ रूप को दर्शाया गया है, जो अपने भक्तों की हर पुकार सुनते हैं और उन्हें शरण देते हैं।

Shiv Shiv Bhole Nath Araj Soon Lena Bhajan Lyrics

शिव शिव भोले,
नाथ अरज सुन लेना,
हे डमरू धर हे गिरिजापति,
भक्ति अपनी देना,
शिव शिव भोलें,
नाथ अरज सुन लेना।।

जो तेरे दर पर आया,
वो कृपा तेरी पाया,
नाम तेरा जो ध्याया,
वो तुझको प्रभु है भाया,
मुझको भी हे भोले बाबा,
अपनी शरण में लेना,
शिव शिव भोलें,
नाथ अरज सुन लेना।।

तुम कैलाशी घट घट वासी,
डमरूधर अविनाशी,
गौरा जी सँग छवि तुम्हारी,
सबके मन को भाती,
मै भी देखूँ छवि तुम्हारी,
इतना वर मुझे देना,
शिव शिव भोलें,
नाथ अरज सुन लेना।।

तन पर भस्म है साजे,
हाथ त्रिशूल विराजे,
कानो में कुण्डल सोहे,
सिर पे चँदा राजे,
मृगछाला है तन पे लपेटी,
हार नाग का पहना,
शिव शिव भोलें,
नाथ अरज सुन लेना।।

दुनिया से मैं हार के भोले,
तेरी शरण में आया,
दिनों के हो नाथ दया तुम,
अब मुझपे बरसाना,
नैया भव से पार हे भोले,
‘शिव’ की भी कर देना
शिव शिव भोलें,
नाथ अरज सुन लेना।।

शिव शिव भोले,
नाथ अरज सुन लेना,
हे डमरू धर हे गिरिजापति,
भक्ति अपनी देना,
शिव शिव भोलें,
नाथ अरज सुन लेना।।

“शिव शिव भोले नाथ अरज सुन लेना” जैसे भजन हमें भगवान शिव के सच्चे प्रेम और दयालुता का अहसास कराते हैं। शिव जी के प्रति इस भक्ति भाव में विश्वास होता है कि वह अपने भक्तों की हर पुकार सुनते हैं और उन्हें अपनी कृपा से नवाज़ते हैं। अगर आप इस भजन के माध्यम से शिव जी की महिमा को महसूस कर रहे हैं, तो आप “ॐ नमः शिवाय” या “शिव तांडव स्तोत्र” जैसे अन्य भजनों को भी जरूर पढ़ें और शिव जी की भक्ति में गहरे उतरें। शिव जी के भजन हमारे जीवन को शक्ति, शांति और आशीर्वाद से भर देते हैं।

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