शिव शंकर तुम्हरी जटाओ से गंगा की धारा बहती है लिरिक्स

शिव शंकर तुम्हारी जटाओं से गंगा की धारा बहती है भजन भगवान शिव की महिमा का बखान करता है। इसमें शिव जी के जटाओं से निकलने वाली गंगा की धारा का उल्लेख है, जो न केवल पवित्र है, बल्कि जीवन में आशीर्वाद और शुद्धता का प्रतीक भी है। भगवान शिव की शक्ति और उनकी कृपा को इस भजन में अत्यंत श्रद्धा और भावनाओं के साथ दर्शाया गया है।

Shiv Shankar Tumhri Jatao Se Ganga Ki Dhara Bahati Hai Lyrics

शिव शंकर तुम्हरी जटाओ से,
गंगा की धारा बहती है,
सारी श्रष्टि इसलिए तुम्हे,
गंगा धारी शिव कहती है,
शिव शंकर तुमरी जटाओ से,
गंगा की धारा बहती है।।

भागीरथ ने आव्हान किया,
गंगा को धरा पे लाना है,
अपने पुरखो को गंगाजल,
से भव से पार लगाना है,
गंगा का वेग प्रबल है बहुत,
मन में शंका ये रहती है,
शिव शंकर तुमरी जटाओ से,
गंगा की धारा बहती है।।


भागीरथ ने तप घोर किया,
तुम होके प्रसन्न दयाल हुए,
गंगा का वेग जटाओ में,
तुम धरने को तैयार हुए,
विष्णु चरणों निकली गंगा,
शिव जटा में जाके ठहरती है,
शिव शंकर तुमरी जटाओ से,
गंगा की धारा बहती है।।

शिव जटा से फिर निकली गंगा,
निर्मल धारा बन बहने लगी,
भागीरथ के पीछे पीछे,
गंगा माँ देखो चलने लगी,
फिर भागीरथ के पुरखो का,
कल्याण माँ गंगा करती है,
शिव शंकर तुमरी जटाओ से,
गंगा की धारा बहती है।।

शिव शंकर तुम्हरी जटाओ से,
गंगा की धारा बहती है,
सारी श्रष्टि इसलिए तुम्हे,
गंगा धारी शिव कहती है,
शिव शंकर तुमरी जटाओ से,
गंगा की धारा बहती है।।

“शिव शंकर तुम्हारी जटाओं से गंगा की धारा बहती है” भजन हमें भगवान शिव की अपार कृपा और उनकी महिमा का अहसास कराता है। भगवान शिव के जटाओं में समाई गंगा, जो संसार को शुद्ध करती है, उनकी अनमोल कृपा का प्रतीक है। इस भजन के साथ ही आप शिव जी के अन्य भजनों जैसे शिव शंकर बम बम, भोलेनाथ की महिमा और शिव शंकर भोला को पढ़ें और भगवान शिव की अनंत कृपा का अनुभव करें।

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