शिव शंकर डमरू धारी है जग के आधार भजन भगवान शिव की महिमा का स्तुति करता है, जो जगत के पालनहार, संरक्षक और नाशक हैं। इस भजन में शिवजी के दिव्य रूप और उनके द्वारा किए गए अद्वितीय कार्यों की महिमा का वर्णन किया गया है। शिव शंकर, जो डमरू धारी हैं, वह न केवल ब्रह्मांड के पालनहार हैं, बल्कि उनके पास असीमित शक्तियाँ और ज्ञान हैं। उनके डमरू के बजने से सम्पूर्ण जगत का निर्माण और संहार होता है। यह भजन भक्तों को भगवान शिव की उपासना और उनके दिव्य कार्यों में समर्पण की प्रेरणा देता है।
Shiv Shankar Damaru Dhari Hai Jag Ke Adhar
शिव शंकर डमरू धारी,
है जग के आधार।
तीनो लोक पे रहता है,
उनका ही अधिकार।
शिव शंकर डमरू धारीं,
है जग के आधार।।
शिवजी ही सृष्टि संचालक है,
शिवजी कण कण में व्यापक है।
ये शिव शंकर कैलाशी है,
ये शिवजी काशीवासी है।
इनके हाथों में है त्रिभुवन,
सब देवों पर इनका शासन।
ये भोले जो है शिव शंकर,
सब करते हैं इनका आदर।
महादेव शिव भोले है,
देवों के सरदार,
शिव शंकर डमरू धारीं,
है जग के आधार।।
शिव का सिमरन है फलदाई,
शिव का सिमरन है सुखदाई।
शिव जाप से शांति मिलती है,
शिव जाप से मुक्ति मिलती है।
शिव भोले बड़े दयालु है,
शिव भोले बड़े कृपालु है,
भक्तों पे मेहर वो करते हैं।
शिव झोलिया सबकी भरते है,
शिव के जैसा कोई नहीं,
दानी और दातार।
शिव शंकर डमरू धारीं,
है जग के आधार।।
वो निर्धन हो या कोई धनी,
इस बात से फर्क नहीं कोई।
वो रंक हो या कोई राजा,
यहा कोई नहीं है छोटा बड़ा।
शिव की जो शरण में आते है,
वो कभी निराश ना जाते है।
शिव सब पे करते हैं कृपा,
मिलता है सबको प्यार उनका,
महाकाल महादेव जी है।
सब के तारणहार,
शिव शंकर डमरू धारीं,
है जग के आधार।।
जीवन मृत्यु के अधिकारी,
है यही तो भोले भंडारी।
है मोक्ष के दाता शिव शंकर,
है जगत पिता ये नागेश्वर,
भोले ही भाग्य विधाता है।
शिव सर्व गुणी है ज्ञाता है,
शिव सिमरन से हर पाप धुले,
शिव की इच्छा से स्वर्ग मिले।
शिव के एक इशारे पर,
खुलते मोक्ष के द्वार।
शिव शंकर डमरू धारीं,
है जग के आधार।।
जब अंत समय आ जाता है,
और जीव बहुत घबराता है।
जब प्राण पखेरू उड़ता है,
जीवन मृत्यु से जुड़ता है।
निर्जीव हो जाती है काया,
मंडराती है मृत्यु छाया।
तब शिव ही सहारा देते है,
नैय्या को किनारा देते है।
भवसागर से नैय्या को,
शिव ही लगाते पार।
शिव शंकर डमरू धारीं,
है जग के आधार।।
हम भोले भक्त तुम्हारे है,
हम मांगते आए द्वारे है।
हे महादेव हे शिव शंकर,
कुछ दया करो हम दुखियों पर।
हम सब दुख दर्द के मारे है,
हम आए द्वार तुम्हारे है,
अरदास है तुमसे बस इतनी।
सुन लो अ भोले भंडारी,
हम पर भी कृपा करना,
हे जग के करतार।
शिव शंकर डमरू धारीं,
है जग के आधार।।
शिव शंकर डमरू धारी,
है जग के आधार।
तीनो लोक पे रहता है,
उनका ही अधिकार।
शिव शंकर डमरू धारीं,
है जग के आधार।।
शिव शंकर डमरू धारी है जग के आधार भजन हमें भगवान शिव की महानता और उनके योगदान को याद दिलाता है। शिवजी, जिनके पास अनगिनत शक्तियाँ हैं, हमेशा अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए तैयार रहते हैं। जैसे महाकाल की महिमा और शिव तांडव स्त्रोत्र जैसे भजन उनके अद्वितीय रूप और उनकी शरण में शांति प्राप्त करने का मार्ग बताते हैं, वैसे ही इस भजन के माध्यम से हम भगवान शिव के चरणों में स्थिरता और आस्था बना सकते हैं। शिवजी के आशीर्वाद से जीवन में हर प्रकार की कठिनाई और संकट दूर हो जाते हैं।

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile