Shiv Shambho
शिव शम्भो शिव शम्भो,
शम्भो करतो सब संभव,
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्,
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
बड़े भाग्य से मिला है जीवन,
जीव जगत जल थल कण कण,
अंडज पिंडज जड़ चेतन,
सब में है शिवयम वंदन,
शिव शम्भो शिव शम्भो,
शम्भो करतो सब संभव॥
यह भवसागर की उथल पुथल,
और कर्मो के लेख अटल,
हर हर दानी ध्यानी ने,
तीन लोक शिव विश्व पटल,
शिव शम्भो शिव शम्भो,
शम्भो करतो सब संभव।
शिव शम्भो शिव शम्भो
शम्भो करतो सब संभव
शिव शम्भो शिव शम्भो
शम्भो करतो सब संभव
शिव शम्भो शिव शम्भो
शम्भो करतो सब संभव
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile