शिव सन्यासी से मरघट वासी से मैया करूँगी मैं तो ब्याह एक अत्यंत भावनात्मक और प्रेरणादायक शिव भजन है, जो माता पार्वती के अद्वितीय प्रेम और दृढ़ निश्चय को दर्शाता है। इस भजन में माता पार्वती, समाज की परवाह किए बिना, उस शिव से विवाह की प्रतिज्ञा करती हैं जो सन्यासी हैं, मरघट में रहते हैं, लेकिन जिन्हें उन्होंने पूरे मन से अपना वर मान लिया है। यह भजन नारी शक्ति की अडिग भक्ति और भगवान शिव के प्रति समर्पण का प्रतीक है।
Shiv Sanyasi Se Marghat Wasi Se Maiya Karungi Main To Byah Lyrics
शिव सन्यासी से मरघट वासी से,
मैया करूँगी मैं तो ब्याह,
मैं शिव को ध्याऊँगी,
उन्ही को पाऊँगी,
शिव संग करूँगी मैं तो ब्याह,
हाँ शिव संग मैं तो करूँगी ब्याह,
शिव संन्यासी से मरघट वासी से,
मैया करूँगी मैं तो ब्याह।।
मैना ने समझाया,
वो है समशान का वासी,
तू महलों की रानी,
तू कैसे बनेगी दासी
गौरा तू सोचले सोचले,
कैसे करेगी ब्याह,
शिव संन्यासी से मरघट वासी से,
मैया करूँगी मैं तो ब्याह।।
बाबा हिमाचल देखो,
सब ऋषियो को ले आए,
सबने मिलकर देखो,
फिर गौरा को समझाए,
औघड़ है योगी है योगी है,
कैसे होगा निबाह,
शिव संन्यासी से मरघट वासी से,
मैया करूँगी मैं तो ब्याह।।
ना मानी थी गौरा,
वो शिव के ध्यान में लागी,
शिव की याद में सोई,
वो शिव की याद में जागी,
जनम जनम का साथ है साथ है,
जन्मो का रिश्ता,
शिव संन्यासी से मरघट वासी से,
मैया करूँगी मैं तो ब्याह।।
शिव सन्यासी से मरघट वासी से,
मैया करूँगी मैं तो ब्याह,
मैं शिव को ध्याऊँगी,
उन्ही को पाऊँगी,
शिव संग करूँगी मैं तो ब्याह,
हाँ शिव संग मैं तो करूँगी ब्याह,
शिव संन्यासी से मरघट वासी से,
मैया करूँगी मैं तो ब्याह।।
“शिव सन्यासी से मरघट वासी से मैया करूँगी मैं तो ब्याह” जैसा भजन हमें यह सिखाता है कि सच्ची भक्ति और प्रेम किसी भी सामाजिक बंधन या परिस्थिति से ऊपर होता है। शिवजी की भक्ति में यह शक्ति है कि वह संसार के सारे बंधनों को तोड़कर मोक्ष की ओर ले जाती है। भगवान शिव के अन्य भजनों जैसे “कितना रोई पार्वती शिवनाथ के लिए”, “गौरा ढूंढ रही पर्वत पर शिव को पति बनाने को”, “भोले बाबा की शादी का है त्योहार जी”, और “नंदी पे बिठा के तू घूमा दे भोले जोगिया” को भी जरूर पढ़ें। इन भजनों से हम शिव-पार्वती की अमर कथा को और गहराई से समझ सकते हैं और अपने जीवन में भक्ति की शक्ति को अनुभव कर सकते हैं।

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile