शिव मात पिता शिव बंधू सखा भजन भगवान शिव के असीमित रूपों का महिमामंडन करता है। इस भजन में शिव जी को माता, पिता, बंधू, और सखा के रूप में पूजा गया है, जो उनके विविध पहलुओं को दर्शाता है। यह भजन बताता है कि शिव जी केवल एक देवता नहीं, बल्कि हर व्यक्ति के जीवन में एक परम शक्ति के रूप में मौजूद हैं, जो हमें मार्गदर्शन, सुरक्षा, और समर्थन प्रदान करते हैं। भगवान शिव की यह विविधता दर्शाती है कि वे हर रूप में अपने भक्तों के साथ होते हैं।
Shiv Maat Pita Shiv Bandu Sakha
शिव मात पिता,
शिव बंधू सखा।
शिव चरणों में,
कोटि कोटि प्रणाम।
शिव चरणों में,
कोटि कोटि प्रणाम।।
जिनका तो ना आदि,
ना अंत पता।
भक्तो पे दया,
जो करते सदा।
शिव मात पितां,
शिव बंधू सखा।
शिव चरणों में,
कोटि कोटि प्रणाम।।
वृषगामी जो,
बाघाम्बर है धरे।
अनादि अनंत से,
जो है परे,
शिव मात पितां।
शिव बंधू सखा,
शिव चरणों में,
कोटि कोटि प्रणाम।।
अमृत को नहीं,
विष पान किया।
अभयदान है,
भक्त जनों को दिया,
शिव मात पितां।
शिव बंधू सखा,
शिव चरणों में,
कोटि कोटि प्रणाम।।
गौरा नंदन,
श्री गणेश कहे।
जलधारा जिनके,
शीश बहे,
शिव मात पितां।
शिव बंधू सखा,
शिव चरणों में,
कोटि कोटि प्रणाम।।
शिव मात पिता,
शिव बंधू सखा।
शिव चरणों में,
कोटि कोटि प्रणाम,
शिव चरणों में,
कोटि कोटि प्रणाम।।
इस भजन के माध्यम से हमें यह समझने का अवसर मिलता है कि भगवान शिव केवल एक देवता नहीं, बल्कि हमारे जीवन के हर पहलु में मौजूद हैं। वे माता, पिता, भाई, और सखा सभी रूपों में हमारे साथ हैं। शिव जी की भक्ति और उनके भजनों में जीवन की सच्चाई, प्रेम, और समर्पण को अनुभव किया जा सकता है। अगर आप शिव का आशीर्वाद, भोलेनाथ की महिमा, और शिव शंकर की भक्ति जैसे भजनों को ध्यान से पढ़ते हैं, तो आप शिव जी के और भी निकट जा सकते हैं और उनके आशीर्वाद से लाभ उठा सकते हैं।

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile