Shiv Ka Dhyan Lagaya Kar
तू सुबह सुबह शिव पिंडी पे,
जल प्रेम से रोज चढ़ाया कर,
शिव नमः शिवाय गाया कर,
जल प्रेम से रोज चढ़ाया कर,
शिव ध्यान रखेंगे सदा तेरा,
तू शिव का ध्यान लगाया कर,
तू सुबह सुबह शिव पिंडी पे,
जल प्रेम से रोज चढ़ाया कर…..
शिव करुणा का सागर तेरे,
आंगन में नित बरसेगा,
शिव भजन अमृत रोज पिया कर,
मन प्यासा ना तरसेगा,
शिव ही मुक्ति के दाता है,
ये बात ना तू बिसराया कर,
तू सुबह सुबह शिव पिंडी पे,
जल प्रेम से रोज चढ़ाया कर…..
शिव भक्ति की भस्म लागले माथे की रेखाओ पर,
भाग्य बदलनी है तो रखदे,
शीश को शिव के पाँवो पर,
महादेव है देवो के इनको ह्रदय में तू बसाया कर,
तू सुबह सुबह शिव पिंडी पे,
जल प्रेम से रोज चढ़ाया कर…..
अलख निरंजन भय भंजन बाबा भोले भंडारी,
तीनो लोको के स्वामी विश्वनाथ शिव त्रिपुरारी,
मन मिट्ठू को रोज इनका पाठ पढ़ाया कर,
तू सुबह सुबह शिव पिंडी पे,
जल प्रेम से रोज चढ़ाया कर….

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile