शीश गंग धार है वो नंदी पे सवार है भजन लिरिक्स

शीश गंग धार है वो नंदी पे सवार है एक अद्भुत शिव भजन है, जो भगवान शिव के महान रूप और उनके दिव्य रूप का वर्णन करता है। इस भजन में भगवान शिव के शीश पर गंगा के पवित्र जल का बहना और नंदी पर सवार होकर शिवजी के अद्वितीय रूप का वर्णन किया गया है। यह भजन भक्तों के मन में भगवान शिव के प्रति अपार श्रद्धा और भक्ति जागृत करता है।

Shish Gang Dhar Hai Wo Nandi Pe Sawar Hai Bhajan Lyrics

शीश गंग धार है,
वो नंदी पे सवार है,
है देव भोला भाला,
है देव ये निराला,
ये दे देते वरदान है,
देव ये महान है,
ये दे देते वरदान है,
देव ये महान है।।

भस्मासुर को शिव ने,
वरदान दे डाला,
काम ये कैसा भोले,
तुमने ये कर डाला,
के मोहिनी रूप में,
विष्णु जी आए थे,
शिव शंकर के फिर तो,
प्राण बचाए थे,
है देव भोला भाला,
है देव ये निराला,
ये दे देते वरदान है,
देव ये महान है।।

माथे पे चंदा विराजे,
गले सर्प हार है,
तन पे भभूती सोहे,
पहनी म्रगछाल है,
अजब श्रृंगार है,
ये पालनहार है,
है देव भोला भाला,
है देव ये निराला,
ये दे देते वरदान है,
देव ये महान है।।

शिव शिव शम्भु बोलो,
पाप कट जाएँगे,
शिव भोला जपने वाले,
भव तर जाएँगे,
अगड बम बम भोला,
बबम बम शिव भोला,
है देव भोला भाला,
है देव ये निराला,
ये दे देते वरदान है,
देव ये महान है।।


शीश गंग धार है,
वो नंदी पे सवार है,
है देव भोला भाला,
है देव ये निराला,
ये दे देते वरदान है,
देव ये महान है,
ये दे देते वरदान है,
देव ये महान है।।

भगवान शिव के अनगिनत रूपों और उनके भजनों में जो शक्ति और शांति है, वह भक्तों के जीवन को बदल देती है। “शीश गंग धार है वो नंदी पे सवार है” जैसे भजन हमें शिवजी की उपासना में मग्न करता है। भगवान शिव के अन्य भजनों जैसे “ॐ नमः शिवाय,” “शिव तांडव स्त्रोत,” और “महाकाल की आरती” को भी पढ़कर हम शिवजी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिवजी के भजनों को पढ़ना, हमें उनके दिव्य आशीर्वाद से भर देता है और आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने का मार्गदर्शन करता है।

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