शंकर तेरी जटा में बहती है गंग धारा लिरिक्स

शंकर तेरी जटा में बहती है गंग धारा भजन भगवान शिव की महिमा का अद्भुत चित्रण करता है। जब माता गंगा का वेग संपूर्ण सृष्टि के लिए असहनीय हो गया, तब महादेव ने अपनी जटाओं में उन्हें समाहित कर संपूर्ण जगत का कल्याण किया। यह भजन हमें शिव जी की अपार शक्ति और उनकी दया का अनुभव कराता है, जिससे हमें यह एहसास होता है कि महादेव हमेशा अपने भक्तों की रक्षा और भलाई के लिए तत्पर रहते हैं। शिव जी की जटाओं से बहती गंगा केवल जलधारा नहीं, बल्कि अमृतधारा है, जो जीवन को शुद्ध और पवित्र बनाती है।

Shankar Teri Jata Se Bahti Hai Ganga Dhara

शंकर तेरी जटा में,
बहती है गंग धारा,
काली घटा के अंदर,
जिम दामिनी उजारा,
भोले तेरी जटा में,
बहती है गंग धारा।1।

गल मुंडमाल राजे,
शशि भाल में बिराजे,
डमरू निनाद बाजे,
कर में त्रिशूल धारा,
भोले तेरी जटा में,
बहती है गंग धारा।2।

दृग तीन तेज राशी,
कटिबंध नागफासी,
गिरिजा है संग दासी,
सब विश्व के अधारा,
भोले तेरी जटा में,
बहती है गंग धारा।3।

मृगचर्म वसनधारी,
वृषराज पर सवारी,
निज भक्त दुःखहारी,
कैलाश में विहारा,
भोले तेरी जटा में,
बहती है गंग धारा।4।

शिवनाम जो उचारे,
सब पाप दोष टारे,
‘ब्रह्मानंद’ ना बिसारे,
भवसिंधु पार तारा,
भोले तेरी जटा में,
बहती है गंग धारा।5।

शंकर तेरी जटा में,
बहती है गंग धारा,
काली घटा के अंदर,
जिम दामिनी उजारा,
भोले तेरी जटा में,
बहती है गंग धारा।6।

शंकर तेरी जटा में बहती है गंग धारा भजन करने से हमें शिव जी की दिव्यता और उनकी कृपा का अनुभव होता है। शिव जी अपने भक्तों के हर कष्ट को हरते हैं और उनके जीवन में आध्यात्मिक शांति लाते हैं। अगर आपको यह भजन पसंद आया, तो शिव तांडव स्तोत्र, शिव चालीसा, गंगा स्तोत्र, और महाकाल के भजन भी करें। ये सभी भजन शिव जी की अनंत महिमा का गुणगान करते हैं और उनकी कृपा का अनुभव कराने का श्रेष्ठ मार्ग हैं। 🚩✨

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