सेवक लाए है भंगिया

आज हम जो भजन सेवक लाए है भंगिया पढ़ने जा रहे हैं, वह भगवान शिव के प्रति एक भावपूर्ण और श्रद्धायुक्त भक्ति की अभिव्यक्ति है। इस भजन में भगवान शिव के भक्त शिवजी को भांग अर्पित करने के लिए अपनी श्रद्धा और प्रेम से इसे लाते हैं। यह भजन भगवान शिव के प्रति भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है, जो भक्तों के दिलों में शिवजी के प्रति असीम विश्वास और समर्पण का संदेश देता है। आइए, इस भजन को पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ पढ़ें और भगवान शिव के आशीर्वाद का अनुभव करें।

Sevak Laye Hai Bhangiya

सेवक लाए है भंगिया,
भोले बाबा छान के,
भर भर के लोटा पि ले,
मस्ती में तान के,
भर भर के लोटा पि ले,
मस्ती में तान के।।

बड़े जतन से हौले हौले,
भांग तेरी घुटवाई,
भांग तेरी घुटवाई,
केसर पिस्ता खूब मिलाया,
छान लई ठंडाई,
छान लई ठंडाई,
हमरी भी रख ले बतिया,
सेवक तू जान के,
भर भर के लोटा पि ले,
मस्ती में तान के,
भर भर के लोटा पि ले,
मस्ती में तान के।।

गौरा मैया के हाथों से,
भांग सदा तू खाए,
भांग सदा तू खाए,
तेरे सेवक बड़े प्रेम से,
भांग घोट के लाए,
भांग घोट के लाए,
सावन की बुँदे थिरके,
रिम झिम की ताल पे,
भर भर के लोटा पि ले,
मस्ती में तान के,
भर भर के लोटा पि ले,
मस्ती में तान के।।

और देव होते तो लाते,
भर भर थाल मिठाई,
भर भर थाल मिठाई,
लेकिन भोले बाबा तुझको,
भांग सदा ही भायी,
भांग सदा ही भायी,
‘हर्ष’ दया का भोले,
हमको भी दान दे,
भर भर के लोटा पि ले,
मस्ती में तान के,
भर भर के लोटा पि ले,
मस्ती में तान के।।

सेवक लाए है भंगिया,
भोले बाबा छान के,
भर भर के लोटा पि ले,
मस्ती में तान के,
भर भर के लोटा पि ले,
मस्ती में तान के।।

“सेवक लाए है भंगिया” भजन हमें यह सिखाता है कि भगवान शिव के प्रति भक्ति और प्रेम का कोई भी रूप हो, वह परमेश्वर को बहुत प्रिय है। जो भी इस भजन को श्रद्धा से पढ़े या नियमित रूप से करे, वह भगवान शिव की अनंत कृपा और आशीर्वाद से निहाल होता है। यदि यह भजन आपके मन को आनंदित करता है, तो “जो उज्जैन की शान है वो बाबा महाकाल है”, “महाकाल से मिलने चला सवारी वाला”, “भोले जी तेरे द्वार का दीवाना” और “शिव शंभू तेरी महिमा न्यारी” जैसे अन्य शिव भजनों को भी पढ़ें। ये भजन आपकी शिव भक्ति को और गहरा और सशक्त बनाएंगे।


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