Pita Ghar Jane Ki Aagya Do Swami
हट कर बैठी पार्वती रानी,
पिता घर जाने की आज्ञा दो स्वामी….
हमारे पिता ने यज्ञ रचा है,
शब्द एवं को न्योता दिया है,
उसी में जाने की आज्ञा दो स्वामी,
पिता घर जाने की आज्ञा दो स्वामी….
शिव जी ने हट किया गौरा ना मानी,
कर्मों के लेख किसी ने ना जानी,
सोलह श्रृंगार कर चली गौरा रानी,
पिता घर जाने की आज्ञा दो स्वामी….
पिता भवन जब पहुंची भवानी,
सब सखियां हस बोली ना भवानी,
माता भी उनसे बोली न चाली,
पिता घर जाने की आज्ञा दो स्वामी….
यह देख पीछे पछताए गोरा रानी,
हमने पति की आज्ञा न मानी,
यह देख अग्नि में कूदी भवानी,
पिता घर जाने की आज्ञा दो स्वामी…..

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile