O Shankar Bhole
धुन- बाबुल प्यारे
ओ शंकर भोले… जपती तुमको मैं हरदम,
दें दो सुन्दर कोई जतन, जिससे फिर मिल जायें हम.. हो..
ओ शंकर भोले……
त्रेता युग में भूल हुई थी, जाँचा था रामजी को, ओ…
रूप सीता का लिया, त्यागे मुझको ही शिवा,
ऐसे बीता मेरा वो जनम…हो..
ओ शंकर भोले…..
दक्ष पिता जब बने घमंडी, भूले सती और शिव को,
जब मैं वेदी को चली, सबमें आयी खलबली,
जला अग्नी में मेरा बदन…हो..
ओ शंकर भोले…..
पार्वती के रूप में जन्मी, आऊँगी तेरे ही आँगन… ओ..
तेरी पूजा मैं करूँ, काम दूजा न करूँ,
तुझपे वारूंगी अपना ये तन… हो..
ओ शंकर भोले…..
शिवरात्रि के शुभ अवसर पर, आये शंभु बराती, ओ…
ताने लोगों से मिले, वर जोगी से मिले,
सारे संसार के भगवन हो..
ओ शंकर भोले…..

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile