निराला शिव भोला देव निराला भजन लिरिक्स

निराला शिव भोला देव निराला भजन शिवजी की उस अलौकिक और निराली महिमा को दर्शाता है, जो उन्हें त्रिलोकों में अद्वितीय बनाती है। मैं, पंडित सत्य प्रकाश, आज इस भक्तिमय भजन के माध्यम से आपको शिवजी की अनोखी लीलाओं और भोलेपन से जोड़ने का प्रयास कर रहा हूँ, ताकि आपकी भक्ति में भी वही सरलता और श्रद्धा समा जाए जो स्वयं महादेव के स्वरूप में है।

Nirala Shiv Bhola Dev Nirala

निराला शिव भोला देव निराला,
अमृत देवों को देकर।
जहर को खुद पी डाला,
निरालां शिव भोला देव निराला।।


सर्प बिच्छू श्रृंगार हैं इनके,
माथे चंदा दमके,
नंदी बैल सवारी इनकी।
शीश से गंगा छलके,
बड़ा ही सुंदर लागे भोला।
बाघमबर वाला,
निरालां शिव भोला देव निराला।।


जिनका ना कोई माई बाप है,
न कोई भईया बहना।
ताऊ चाचा मामा मौसा,
फूफा भी कोई है ना।
मुंह बोले ही रिश्तों का,
परिवार बना डाला,
निरालां शिव भोला देव निराला।।


चोर चढ़ा शिव लिंग के ऊपर,
जाऊंगा घंटे लेकर।
प्रगट हुए जब शिव शंकर,
सहम गया वो डर कर।
देख समर्पण भोले ने,
धनवान बना डाला,
निरालां शिव भोला देव निराला।।


जल के इक लोटे से ही,
शिव जी खुश हो जाते।
दीन भाव से जो भी,
इनके द्वारे पे आ जाते।
‘श्याम’ बड़ा है दयालु भोला,
भक्तों का रखवाला,
निरालां शिव भोला देव निराला।।


निराला शिव भोला देव निराला,
अमृत देवों को देकर।
जहर को खुद पी डाला,
निरालां शिव भोला देव निराला।।


निराला शिव भोला देव निराला भजन महादेव के निराले स्वरूप, उनकी सरलता, करुणा और भव्यता का अनुपम वर्णन करता है। इस भजन को पढ़ने और करने से शिवभक्त को आत्मिक संतोष और दिव्यता का अनुभव होता है। ऐसे ही और भी अद्भुत भजनों जैसे शिव शम्भू सा निराला कोई देवता नहीं है, शिव ही सत्य है शिव ही सुन्दर, भोले शंकर की शान निराली आए है आज दूल्हा बनके और मेरे शिव शंकर भोले मन के मंदिर में पधारो को जरूर पढ़ें और करें, ताकि आपकी भक्ति महादेव के चरणों में और भी दृढ़ होती जाए।









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