नंदी की करके सवारी डमरू वाला रे इस भजन में भगवान शिव की महानता और उनकी सवारी नंदी के साथ उनके दिव्य संबंध का सुंदर रूप से वर्णन किया गया है। नंदी, जो शिव जी के परम भक्त और उनके वाहन के रूप में प्रसिद्ध हैं, उनके साथ शिव जी की यात्रा और उनके डमरू की गूंज, इस भजन में अत्यंत भावनात्मक तरीके से प्रस्तुत की गई है।
Nandi Ki Karke Sawari Damaru Wala Re Bhajan Lyrics
नंदी की करके सवारी,
डमरू वाला रे,
है गले में लिपटा नाग,
भुजंगा काला रे,
है गले में लिपटा नाग,
भुजंगा काला रे।।
आए है ब्याह रचाने,
गौरा को अपना बनाने,
है भुत प्रेत सब संगी,
करते है बड़ी हुड़दंगी,
क्या अद्भुत रूप बनाया,
अद्भुत रूप बनाया डमरू वाला रे,
है गले में लिपटा नाग,
भुजंगा काला रे,
है गले में लिपटा नाग,
भुजंगा काला रे।।
जब देखि मैना रानी,
हुई दिल में बड़ी हैरानी,
बिटिया के भाग फुट गए,
कैसी किस्मत चकरानी,
ना ब्याहु पारवती को,
ब्याहु पारवती को डमरू वाला रे,
है गले में लिपटा नाग,
भुजंगा काला रे,
है गले में लिपटा नाग,
भुजंगा काला रे।।
समझाती गिरजा मैया,
शिव जनम जनम के खिवैया,
जब जब मैं जग में आई,
शिव बने है मेरे सईया,
माँ जोड़ तो मेरा नाता,
जोड़ तो मेरा नाता वो भोला भाला रे,
है गले में लिपटा नाग,
भुजंगा काला रे,
है गले में लिपटा नाग,
भुजंगा काला रे।।
कहे ‘संजो’ सुन मन डोला,
शिव खाए भांग का गोला,
है मस्त मगन मनमौला,
है इनका अड़बंगा चोला,
अपनी रहते मस्ती में,
रहते मस्ती में जग का आला रे,
है गले में लिपटा नाग,
भुजंगा काला रे,
है गले में लिपटा नाग,
भुजंगा काला रे।।
नंदी की करके सवारी,
डमरू वाला रे,
है गले में लिपटा नाग,
भुजंगा काला रे,
है गले में लिपटा नाग,
भुजंगा काला रे।।
“नंदी की करके सवारी डमरू वाला रे” जैसे भजन भगवान शिव के शक्तिशाली और करुणामय रूप का आह्वान करते हैं। शिव जी का डमरू उनकी संहारक शक्ति का प्रतीक है, और नंदी उनका परम भक्त और साथी। इस प्रकार के भजन शिव भक्तों के मन में दिव्यता और समर्पण का संचार करते हैं। यदि आपको यह भजन पसंद आया हो, तो आप “भोले बाबा का रूप निराला”, “चले भोले बाबा लिए संग बाराती”, “पारवती शिवजी से बोली नीलकंठ योगेश्वर”, और “हे त्रिपुरारी हे गंगाधारी भोले शंकर” जैसे अन्य शिव भजनों को भी अवश्य पढ़ें और शिव भक्ति में एक नई ऊँचाई हासिल करें।

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile