मुझे मोह और माया से शिव जी उबार लो भजन लिरिक्स

मुझे मोह और माया से शिव जी उबार लो पढ़ने जा रहे हैं, वह एक गहरी प्रार्थना है जो हमें भगवान शिव से मोक्ष और आत्मज्ञान की प्राप्ति की प्रेरणा देती है। इस भजन में भक्त भगवान शिव से निवेदन करते हैं कि वे उन्हें इस संसार के मोह और माया के बंधनों से उबार लें और उन्हें सच्चे आत्मज्ञान की दिशा में मार्गदर्शन करें।

Mujhe Moh Aur Maya Se Shiv Ji Ubar Lo Bhajan Lyrics

मुझे मोह और माया से,
शिव जी उबार लो,
शरणागति देकर प्रभु जी,
तुम मुझको तार दो।।
जय उमानाथ जय विश्वेश्वर,
जय नागेश्वर जय जय।

ठुकराती है सारी दुनिया,
नाथ मैं भक्त तुम्हारा हूँ,
दीन जानकर दया करो प्रभु,
मैं जीवन से हारा हूँ,
मेरी श्रद्धा के सुमन भाव को,
शिव स्वीकार लो,
शरणागति देकर प्रभु जी,
तुम मुझको तार दो।।
जय उमानाथ जय विश्वेश्वर,
जय नागेश्वर जय जय।

नही सुनोगे विनती हमारी,
कौन सुनेगा फिर शंभू,
दयावान नहीं दया करोगे,
तो कौन करेगा शिव शम्भू,
मैं तर जाऊँ मेरे भोले,
जीवन सवार दो,
शरणागति देकर प्रभु जी,
तुम मुझको तार दो।।
जय उमानाथ जय विश्वेश्वर,
जय नागेश्वर जय जय।

शिव तुम ही शक्ति के स्वामी,
तन में मेरे शक्ति दो,
मैं चरणों में शीश झुकाऊं,
मन में मेरे भक्ति दो,
जीने के आधार खो गए,
शिव आधार दो,
शरणागति देकर प्रभु जी,
तुम मुझको तार दो।।
जय उमानाथ जय विश्वेश्वर,
जय नागेश्वर जय जय।

मुझे मोह और माया से,
शिव जी उबार लो,
शरणागति देकर प्रभु जी,
तुम मुझको तार दो।।
जय उमानाथ जय विश्वेश्वर,
जय नागेश्वर जय जय।

“मुझे मोह और माया से शिव जी उबार लो” भजन हमें भगवान शिव की असीम कृपा और शक्ति का एहसास कराता है। यह भजन हमें यह समझाता है कि भगवान शिव अपने भक्तों को संसार के बंधनों से मुक्त करने की शक्ति रखते हैं। जो भी इस भजन को श्रद्धा से पढ़े या नियमित रूप से करे, वह भगवान शिव की कृपा से जीवन की असल राह को पहचान सकता है और उसे मोक्ष प्राप्त हो सकता है। अगर यह भजन आपके दिल को शांति और संतोष प्रदान करता है, तो “शिव शंभू तेरी महिमा न्यारी”, “भोले तेरे द्वार का दीवाना”, “जो उज्जैन की शान है वो बाबा महाकाल है” और “महाकाल की नगरी में मकान होना चाहिए” जैसे अन्य शिव भजनों को भी पढ़ें। ये भजन आपकी शिव भक्ति को और गहरा और सशक्त बनाएंगे।


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