मेरे भोले शंकर कैसे रिझाऊँ तुम्हे भजन लिरिक्स

भगवान शिव, जो भक्तों की भक्ति मात्र से प्रसन्न हो जाते हैं, सच्चे प्रेम और समर्पण के प्रतीक हैं। वे किसी विशेष रीति-रिवाज या बाहरी आडंबर से नहीं, बल्कि भक्त के सच्चे मन से किए गए प्रेम और श्रद्धा से प्रसन्न होते हैं। भजन मेरे भोले शंकर, कैसे रिझाऊँ तुम्हे इसी भावना को प्रकट करता है, जहाँ एक भक्त भोलेनाथ से प्रार्थना करता है कि वह अपने प्रेम और भक्ति से उन्हें कैसे प्रसन्न कर सकता है। आइए, इस भावपूर्ण भजन को पढ़कर शिव शंकर की महिमा का अनुभव करें।

Mere Bhole Shankar Kaise Rijhaaun Tumhe

मेरे भोले शंकर कैसे रिझाऊँ तुम्हे,
तू दिखने में तो साधु है,
तू दिखने तो साधु है,
पर सबसे निराला है तू,
मेरे भोले शंकर कैसे रिझाऊं तुम्हे।।

मैं तेरे सामने बैठा हूँ मगर,
तेरी सूरत नजर न आई है,
मैं तुम्हारा ही अपना हूँ मगर,
तुझे मुझ पर दया न आई है,
तुझे मुझ पर दया न आई है,
मेरे भोले शंकर कैसे रिझाऊं तुम्हे।।

तू मेरे सामने आ जाये अगर,
तेरा जी भर के मैं दीदार करू,
आके फूलों और कलियों से मैं,
तेरा जी भर के मैं श्रंगार करू,
तेरा जी भर के मैं श्रंगार करू,
मेरे भोले शंकर कैसे रिझाऊं तुम्हे।।

मेरे भोले शंकर कैसे रिझाऊँ तुम्हे,
तू दिखने में तो साधु है,
तू दिखने तो साधु है,
पर सबसे निराला है तू,
मेरे भोले शंकर कैसे रिझाऊं तुम्हे।।

भोलेनाथ अपनी सहजता और कृपा के लिए जाने जाते हैं। उन्हें प्रसन्न करने के लिए केवल सच्चे मन से उनका नाम लेना ही पर्याप्त है। जो भी भक्त श्रद्धा से उनकी आराधना करता है, वे उसे अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं और उसके जीवन से समस्त कष्ट हर लेते हैं। यदि आप शिव महिमा से जुड़े और भी भजनों का रसास्वादन करना चाहते हैं, तो आने जाने वाले जोड़ो अपने दोनों हाथ, ये हैं बाबा बैजनाथ, हे शिव शंकर भोले बाबा मैं तेरे गुण गाऊं, मैं बेटा हूँ महाकाल का, और बड़े ही दानी हैं मेरे भोलेनाथ जैसे अन्य भजनों को भी पढ़ें और शिव भक्ति में लीन हों। हर-हर महादेव! 🚩

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