Man Shiv Mien Aise Rama Hai Ye Bhul Gaye Hum Kaha Hai Bhajan Lyrics
मन शिव में ऐसे रमा है,
ये भूल गए हम कहा है,
सारा जग शिव मय दिखता है,
अम्बर शिव धरती उमा है,
मन शिव में ऐसे रमा है।।
जब ध्यान में आते है शिव जी,
मुझे अद्भुत शांति मिलती है,
में दिखला नही सकता जग को,
जो मन में ज्योति जलती है,
जब भूल कोई हो जाती है,
शिव करते मुझको क्षमा है,
सारा जग शिव मय दिखता है,
अम्बर शिव धरती उमा है,
मन शिव मे ऐसे रमा है।।
शिव भक्ति का आनदं मधुर,
कोई वर्णन कर ना पाते है,
ये वो ही जाने भक्त यहाँ,
जो शंम्भूमय हो जाते है,
जैसी मूरत मन में दिखती है,
उसकी ना कोई उपमा है,
सारा जग शिव मय दिखता है,
अम्बर शिव धरती उमा है,
मन शिव मे ऐसे रमा है।।
शिव की महानता अति उदार,
जो पूजे वो पा जाते है,
जिस पे हो शिव शम्भू की कृपा,
वो प्राणी अम्र पद पाते है,
भक्तो के हेतु बन बैठे शिव,
पाषाण की एक प्रतिमा है,
सारा जग शिव मय दिखता है,
अम्बर शिव धरती उमा है,
मन शिव में ऐसे रमा है।।

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile