मैं तो शिव ही शिव को ध्याऊँ जल से स्नान कराऊँ पढ़ने जा रहे हैं, वह भगवान शिव के प्रति भक्त की गहरी श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। इस भजन में भक्त भगवान शिव के साथ एकताबद्ध होने की भावना को प्रकट करता है। वह प्रत्येक कार्य में भगवान शिव को याद करने और उनके नाम का जाप करने की बात करता है। शिव के प्रति भक्त का यह समर्पण दर्शाता है कि भगवान शिव ही उसके जीवन का मार्गदर्शन हैं।
Main To Shiv Hi Shiv Ko Dhyaun Jal Se Snan Karaun Bhajan Lyrics
मैं तो शिव ही शिव को ध्याऊँ,
जल से स्नान कराऊँ,
मैं तो चावल चंदन चढ़ाऊँ,
मैं तो चावल चंदन चढ़ाऊँ,
और आक धतूरा ल्याऊँ,
मैं तो शिव ही शिव को ध्याऊं,
जल से स्नान कराऊँ।।
मैं तो जलधारा बरसाऊँ,
मैं तो जलधारा बरसाऊँ,
और अगड़बंब मुख गाऊँ,
और अगड़बंब मुख गाऊँ,
मैं तो शिव ही शिव को ध्याऊं,
जल से स्नान कराऊँ।।
तब प्रसन्न भए शिव राजा,
तब प्रसन्न भए शिव राजा,
वर माँगो सारू काजा,
वर माँगो सारू काजा।।
मोको और कछु ना चाहिए,
श्री राधा कृष्ण मिलइये,
मोको और कछु ना चाहिए,
श्री राधा कृष्ण मिलइये।।
धन नरसी बुद्धि तिहारी,
धन नरसी बुद्धि तिहारी,
ते तो वर मांग्यो अति भारी,
ते तो वर मांग्यो अति भारी।।
अस बुद्धि और को पावे,
अस बुद्धि और को पावे,
हरि भक्तन को हरि भावे,
मोको और कछु ना चाहिए,
श्री राधा कृष्ण मिलइये,
मोको और कछु ना चाहिए,
श्री राधा कृष्ण मिलइये।।
मैं तो शिव ही शिव को ध्याऊँ,
जल से स्नान कराऊँ,
मैं तो चावल चंदन चढाऊँ,
और आक धतूरा ल्याऊँ,
मैं तो शिव ही शिव को ध्याऊं,
जल से स्नान कराऊँ।।
“मैं तो शिव ही शिव को ध्याऊँ जल से स्नान कराऊँ” भजन में भगवान शिव के प्रति भक्ति और श्रद्धा को व्यक्त किया गया है। इस भजन में भक्त भगवान शिव को हर कार्य में याद करने का संकल्प करता है और उन्हें जल से स्नान कराकर अपनी भक्ति अर्पित करता है। जो व्यक्ति भगवान शिव को अपने जीवन में समर्पित करता है, उसके जीवन से सभी दुःख और परेशानियाँ दूर हो जाती हैं। जो भी इस भजन को श्रद्धा से पढ़े या नियमित रूप से करे, वह भगवान शिव के आशीर्वाद से अपने जीवन को उन्नति की ओर ले जाएगा। यदि यह भजन आपके मन को शांति और सुख देता है, तो “भोले तेरी बंजारन”, “महाकाल की कृपा से संसार चल रहा है”, “शिव शंकर दानी तू जग का विधाता है” और “देवो में सबसे बड़े मेरे महादेव हैं” जैसे अन्य शिव भजनों को भी पढ़े। इन भजनों से आपकी भक्ति और भी गहरी होगी।

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile