Main Hoon Sharan Me Teri Hey Nath Damaru Wale
मैं हूँ शरण में तेरी हे नाथ डमरू वाले,
दुःख से मुझे उबारो पाँवो में पड़ गए छाले,
मैं हूँ शरण में तेरी हे नाथ डमरू वाले…..
फसीं है भवरो में नैया,
बिच मजधार हूँ मैं,
सहारा दीजिये आकर,
की अब लाचार हूँ मैं,
उठते नही कदम अब,
थक गए है काशीवाले,
मैं हूँ शरण में तेरी हे नाथ डमरू वाले…..
मेरी अरदास सुण लीजे,
सुदी गिरिजापति लीजे,
राह तेरी निहारु मैं,
सहारा आन कर दीजे,
कोई नही है तुम बिन,
पतवार जो थमा ले,
मैं हूँ शरण में तेरी हे नाथ डमरू वाले……
खाके ठोकर हे शिव शम्भु,
कही पथ में ना गिर जाऊ,
तुम्हारा नाम ले ले कर,
यही रस्ते में ना मर जाऊ,
बदनाम होंगे तुम भी,
मेरे नाथ भोले भाले,
मैं हूँ शरण में तेरी हे नाथ डमरू वाले……

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile