मैं बंजारन दीवानी मैं हो गई पि गई थोड़ी भंग मैं लिरिक्स

मैं बंजारन दीवानी मैं हो गई पि गई थोड़ी भंग मैं इस भजन में एक भक्त की अवस्था का चित्रण किया गया है, जो भगवान शिव की भक्ति में पूरी तरह रंगा हुआ है। भजन में प्रेम, उल्लास, और शिव के प्रति समर्पण की भावना है। भगवान शिव के प्रति भक्ति और उनके साथ जुड़ी दिव्यता को दर्शाते हुए, यह भजन भक्त की मानसिक स्थिति और शिव के साथ गहरे संबंध को दर्शाता है।

Main Banjaran Deewani Main Ho Gai Pi Gai Thodi Bhang Main Lyrics

मैं बंजारन दीवानी मैं हो गई,
पि गई थोड़ी भंग भंग मैं,
पि गई थोड़ी भंग भंग मैं,
सावन की रिम झीम,
बरखा बदरिया,
भीग गयो सब अंग अंग मेरो,
भीग गयो सब अंग अंग मेरो,
मै बंजारन दीवानी मैं हो गई,
पि गई थोड़ी भंग भंग मैं,
पि गई थोड़ी भंग भंग मैं।।

डमरू तेरा मुझको नचाये,
क्या करूँ कुछ भी होश ना आये,
मस्ती में तेरी नाच रही हूँ,
मस्ती में तेरी नाच रही हूँ,
सारी दुनिया हो गई दंग दंग,
भोला पि गई थोड़ी भंग भंग मैं,
पि गई थोड़ी भंग भंग मैं।।

जीवन नैया तेरे हवाले,
जितना चाहे उतना नचाले,
पगली दीवानी सब कहने लगे,
पगली दीवानी सब कहने लगे,
मोपे चढ़ गया तेरे रंग रंग,
भोला पि गई थोड़ी भंग भंग मैं,
पि गई थोड़ी भंग भंग मैं।।

अच्छा बुरा क्या होश नहीं है,
तेरा भी इसमें दोष नहीं है,
‘लहरी’ ना जानू बाबा कुछ भी जानू,
‘लहरी’ ना जानू बाबा कुछ भी जानू,
तोए पूजन को का ढंग ढंग,
भोला पि गई थोड़ी भंग भंग मैं,
पि गई थोड़ी भंग भंग मैं।।

मैं बंजारन दीवानी मैं हो गई,
पि गई थोड़ी भंग भंग मैं,
पि गई थोड़ी भंग भंग मैं,
सावन की रिम झीम,
बरखा बदरिया,
भीग गयो सब अंग अंग मेरो,
भीग गयो सब अंग अंग मेरो,
मै बंजारन दीवानी मैं हो गई,
पि गई थोड़ी भंग भंग मैं,
पि गई थोड़ी भंग भंग मैं।।

“मैं बंजारन दीवानी मैं हो गई पि गई थोड़ी भंग मैं” जैसे भजन भगवान शिव के प्रति प्रेम और भक्ति के अभिव्यक्ति का एक उदाहरण है। शिव जी के भजन हमारे जीवन को आशीर्वाद से भर देते हैं और हमें हर संकट से उबारने की शक्ति प्रदान करते हैं। यदि आप इस भजन से शिव जी की कृपा महसूस कर रहे हैं, तो आप “ॐ नमः शिवाय”, “शिव तांडव स्तोत्र” या “शिव शंकर चले कैलाश” जैसे अन्य भजनों को भी पढ़ें और शिव जी की भक्ति में गहरे उतरें। शिव जी के भजन हमें शांति, शक्ति और आशीर्वाद से भर देते हैं।

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