महिमा तेरी समझ सका ना कोई भोले शंकर भजन लिरिक्स

महिमा तेरी समझ सका ना कोई भोले शंकर भजन में शिव जी की अपार महिमा का गायन किया गया है। इस भजन के माध्यम से भक्त भगवान शिव की अनंत शक्ति, प्रेम और कृपा के बारे में बताते हैं, जिनकी महिमा को शब्दों में बयां करना असंभव है। भोलेनाथ की भक्ति और उनके दरबार में जाने से जीवन में शांति और सुख की प्राप्ति होती है। भजन में भक्त यह व्यक्त करते हैं कि भगवान शिव की महिमा का वर्णन करने के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं हैं, क्योंकि वे स्वयं अनंत और अनमोल हैं। यह भजन भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और समर्पण को प्रकट करता है।

Mahima Teri Samajh Saka Na Koi Bhole Shankar

महिमा तेरी समझ सका ना,
कोई भोले शंकर,
कभी तो भोले भंडारी हो।
कभी तो रूप भयंकर,
कभी तो भोले भंडारी हो,
कभी तो रूप भयंकर।।

भक्तों के मन को भाती है,
भोले छवि तुम्हारी,
माथे चंदा जटा में गंगा।
और नंदी की सवारी,
बाएं अंग में गौरा माता।
बैठी आसन लाकर,
कभी तो भोले भंडारी हो,
कभी तो रूप भयंकर।।

और रूप भयंकर रूप तुम्हारा,
जब तांडव हो करते,
सुर नर मुनि और देवता भी है।
ऐसे रूप से डरते,
प्रलयकारी रूप दिखे जब।
खोलो तीसरा नेत्र,
कभी तो भोले भंडारी हो,
कभी तो रूप भयंकर।।

है विनती मेरी ये भोले,
किरपा मुझ पे करना,
तेरे चरणों में रहकर।
है तेरा नाम सुमिरना,
‘ओज सुरेश’ खड़ा है देखो,
दोनों हाथ जोड़कर।
कभी तो भोले भंडारी हो,
कभी तो रूप भयंकर।।

महिमा तेरी समझ सका ना,
कोई भोले शंकर,
कभी तो भोले भंडारी हो।
कभी तो रूप भयंकर,
कभी तो भोले भंडारी हो,
कभी तो रूप भयंकर।।

महिमा तेरी समझ सका ना कोई भोले शंकर भजन के साथ, शिव जी के अनमोल और अद्भुत गुणों की भव्यता को महसूस किया जा सकता है। इस भजन को पढ़ने के बाद आप अन्य शिव भजनों जैसे बम बम भोला, शिव शंकर हम भक्तों से करते कितना प्यार, और महाकाल की शरण में के माध्यम से शिव जी के और भी करीब जा सकते हैं। इन भजनों को करने से भगवान शिव की अनुकम्पा और आशीर्वाद जीवन में बने रहते हैं, जो हमें जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता और सुख प्रदान करते हैं।

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