मान ले गौरा बात फिर पछताएगी

Maan Le Gaura Baat Phir Pachtayegi

मान ले गौरा बात फिर पछताएगी,
या भोले के संग चैन ना पावेगी….

याको जंगल में है बसेरा यह तो वही करे है डेरा,
कहां पर रह जाएगी या भोले के संग चैन ना पावेगी,
मान ले गौरा बात फिर पछताएगी….

यह तो मांग मांग के खावे और घर घर अलख जगावे,
कहा तू खा लेगी या भोले के संग चैन ना पावेगी,
मान ले गौरा बात फिर पछताएगी….

याको नाम है बम बम भोला यह तो पीली भांग का गोला,
कहां तु पियेगी या भोले के संग चैन ना पावेगी,
मान ले गौरा बात फिर पछताएगी….

यह तो अंग भभूति रमाता तन पे बाघाम्बर पहना,
कहा तू पहरेगी या भोले के संग चैन ना पावेगी,
मान ले गौरा बात फिर पछताएगी….

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