माँ गौरा माता है मेरी, पिता है भोलेनाथ जी – भजन लिरिक्स

भगवान शिव और माता पार्वती सृष्टि के सबसे दिव्य युगल हैं, जिनकी कृपा से संपूर्ण जगत संचालित होता है। माता गौरा प्रेम, शक्ति और ममता का स्वरूप हैं, जबकि भोलेनाथ करुणा और तपस्या के प्रतीक हैं। हर भक्त जो शिव-पार्वती को अपने माता-पिता के रूप में मानता है, वह उनके स्नेह और आशीर्वाद से सदा कृतार्थ रहता है। भजन माँ गौरा माता है मेरी, पिता हैं भोलेनाथ जी इसी भक्तिपूर्ण भावना को दर्शाता है, जहाँ एक भक्त स्वयं को शिव-पार्वती की संतान मानते हुए अपनी भक्ति अर्पित करता है। आइए, इस भावपूर्ण भजन को पढ़कर हम भी शिव-शक्ति की महिमा को नमन करें।

Maa Gaura Mata Hai Meri, Pita hai Bholenath Ji

माँ गौरा माता है मेरी,
पिता है भोलेनाथ जी,
मेरे सर पे सदा ही रहता,
आप दोनों का हाथ जी।।

ना पूजा ना जप तप जानू,
भक्ति से अनजान हूँ मैं,
लाख बुराई है मुझमे पर,
आप की ही संतान हूँ मैं,
उमापति तुम जगत पिता हो,
मैं तो नाथ अनाथ जी,
मेरे सर पे सदा ही रहता,
आप दोनों का हाथ जी।।

बड़े भाग्य से ही हमको तो,
ये सच्चा दरबार मिला,
भोले बाबा की किरपा,
और माँ गौरा का प्यार मिला,
ये तो किरपा आपकी है,
मेरी क्या औकात जी,
मेरे सर पे सदा ही रहता,
आप दोनों का हाथ जी।।

जिस रस्ते पे ले जाओ तुम,
उस रस्ते पे चलना है,
‘उर्मिल’ तो हमे शिव शम्भु के,
चरणों में ही रहना है,
दर तेरा मैं छोडूं ना,
चाहे कैसे हो हालात जी,
मेरे सर पे सदा ही रहता,
आप दोनों का हाथ जी।।

माँ गौरा माता है मेरी,
पिता है भोलेनाथ जी,
मेरे सर पे सदा ही रहता,
आप दोनों का हाथ जी।।

शिव और पार्वती केवल देव ही नहीं, बल्कि सृष्टि के हर भक्त के सच्चे माता-पिता भी हैं। वे अपने भक्तों की मनोकामनाएँ पूरी करते हैं और उनके जीवन में सुख-समृद्धि का संचार करते हैं। यदि आप शिव-पार्वती की महिमा को और अधिक गहराई से अनुभव करना चाहते हैं, तो मेरे भोले शंकर, तू ही सत्य, तू ही शिवम, तू ही सुंदरम, मेरे भोले शंकर कैसे रिझाऊँ तुम्हे, आने जाने वाले जोड़ो अपने दोनों हाथ, ये हैं बाबा बैजनाथ, और हे शिव शंकर भोले बाबा मैं तेरे गुण गाऊं जैसे अन्य भजनों को भी पढ़ें और शिव-शक्ति की भक्ति में लीन हों। हर-हर महादेव! 🚩

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