कुछ पल तो निकालो भोले के दरबार के लिए

Kuchh Pal To Nikalo Bhole Ke Darbar Ke Liye

ये ज़िंदगी मिली है दिन चार के लिये,
कुछ पल तो निकालो भोले के दरबार के लिए……

कई पुण्य किये होंगे जो ये मानव तन है पाया,
पर भूले गए भगवान को माया में मन भरमाया,
अब तक तो जीते आये है परिवार के लिये,
कुछ पल तो निकालो भोले के दरबार के लिए…..

तूने पाई पाई जोड़ी कोई कमी कही न छोड़ी,
पर संग में सुन ले तेरे ना जाये फूटी कोड़ी,
कुछ धर्म पुण्य तो जोड़ो उस पार के लिये,
कुछ पल तो निकालो भोले के दरबार के लिए……

ये जग है एक सराये कोई आये कोई जाये,
इस का दस्तूर पुराना कोई सदा न टिक ने पाये,
घजे सिंह शिव को भजलो उधार के लिये,
कुछ पल तो निकालो भोले के दरबार के लिए…..

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