Koi Yogi Kahe Sanyasi Hai
अविनाशी कैलाशी है,
कोई योगी कहे सन्यासी है,
सारी दुनिया झुके मठ चरण में भोले,
मन मेरा मगन दिन रात भजन में भोले के…..
काल जिनसे हिम्मत वो महाकाल है,
इनकी लीला गजब कमाल है,
बाबा पर्वत पे ही खुशहाल है…..
ओम विषधारी है दुख हरी है,
देवो के देव त्रिपुरारी,
रोज देवो की झूटी जमात….
मन मेरा मगन दिन रात,
भजन मेरे भोले के,
सारी दुनिया झुके मठ,
चरण में भोले के,
मन मेरा मगन दिन रात,
भजन में भोले के…..
पाप का पड़ला जब जब भारी हुआ,
भोले बाबा ने सृष्टि बच्चा ही लिया,
केई स्वरूपो अवतारित होके,
दुश्मन दानव का शिव ने साफ किया किया……..
ॐ जटा धारी है मंगल करि,
जोगिया मेरे उपकारी है,
होती खुशी की है बरसात,
शरण में भोले के,
मन मेरा मगन दिन रात,
भजन में भोले के…..
सारी दुनिया झुके मठ,
चरण में भोले के,
मन मेरा मगन दिन रात,
भजन में भोले के…..
भक्त गंगा से भर करके जल लाते हैं,
गंगा जल से महादेव को नहलाते हैं…..
सोनू सुधाकर खुशबू तिवारी कह,
जल चढ़ा कर ही मन चाहता फल पाते हैं….
ओम सर्व ज्ञानी है कल्याणी है,
तुमसा ना कोई महादानी है…..
भक्त करते हैं दर्शन,
साक्षात सावन में भोले के,
मन मेरा मगन दिन रात,
भजन में भोले के….

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile