कावड़ उठाले ध्यान शिव का लगाले लिरिक्स

कावड़ उठाले ध्यान शिव का लगाले भजन भगवान शिव की असीम महिमा को समर्पित है। यह भजन भक्तों को प्रेरित करता है कि वे कावड़ यात्रा के दौरान अपने दिल से शिव के नाम का जप करें और उनके ध्यान में खो जाएं। कावड़ उठाना और शिव के ध्यान में लीन होना, शिव की भक्ति का सर्वोत्तम तरीका माना जाता है। इस भजन के माध्यम से, हम शिव के प्रति अपनी भक्ति और समर्पण को व्यक्त कर सकते हैं।

Kavad Udhale Dhyan Shiv Ka Lagale

दोहा
शिव समान दाता नहीं,
विपत्ति निवारण हार…
लज्जा सब की राखियों,
शिव वर्धा के असवार।

कावड़ उठाले ध्यान,
शिव का लगा ले…
भर देंगे झोली भोले,
बिगड़ी बना ले…
हर हर महादेव,
हर हर महादेव।।

सावन की देखो,
बरसे बदरिया,
लगन लगी भोले से…
रूके ना कांवडिया,
नमः शिवाय ओम…
नमः शिवाय,
हर हर महादेव,
हर कोई बोले बम बम,
के जयकारे,
भर देंगे झोली भोले…
बिगड़ी बना ले,
हर हर महादेव,
हर हर महादेव।।

कोई लाये कावड़ भर के,
गंगा के जल से,
कोई लाए कावड़ भरके…
यमुना के जल से,
नमः शिवाय ओम,
नमः शिवाय,
हर हर महादेव,
मैं भी अपनी कावर लाया…
चंबल के जल से,
राम तेरी शरण में आया,
फरियाद सुन ले,
भर देंगे झोली भोले…

बिगड़ी बना ले,
हर हर महादेव,
हर हर महादेव।।

कावड उठा ले ध्यान,
शिव का लगा ले,
भर देंगे झोली भोले…
बिगड़ी बना ले,
हर हर महादेव,
हर हर महादेव।।

यह भजन भगवान शिव के प्रति हमारी श्रद्धा और समर्पण को प्रकट करता है। कावड़ यात्रा के दौरान भगवान शिव के ध्यान में खोकर हम उनके आशीर्वाद की प्राप्ति करते हैं। उनके अन्य भजनों जैसे महाकाल की महिमा और भोलेनाथ की शरण में में भी उनकी महानता और भक्ति की शक्ति का दर्शन होता है। भगवान शिव की भक्ति में समर्पण से हम अपने जीवन को संतुलित और शांतिपूर्ण बना सकते हैं।

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