कांधे पर कांवर लेकर शिव महाकाल को भजकर

कांधे पर कांवर लेकर शिव महाकाल को भजकर भजन उन श्रद्धालुओं की भावना को प्रकट करता है जो कांवर यात्रा के दौरान शिव जी के प्रति अपनी अटूट श्रद्धा प्रकट करते हैं। जब भक्त कांधे पर कांवर लेकर महाकाल के दर्शन के लिए निकलते हैं, तो हर कदम पर वे शिव भक्ति में लीन रहते हैं। यह भजन हमें शिव के प्रति समर्पण, भक्ति और तपस्या का महत्व समझाता है। जो भी सच्चे मन से महादेव को भजता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है।

Kandhe Par Kavar Lekar Shiv Mahakal Ko Bhajkar

कांधे पर कांवर लेकर,
शिव महाकाल को भजकर,
चलो बाबा धाम,
चलो बाबा धाम।1।

गंगाजल से अभिषेक करो,
केवल शिव शिव बस ध्यान धरो,
बाबा सहारे ही जाओगे द्वारे,
वो कष्ट हरे,
खाली है झोली ये झोली को बाबा,
कृपा से भरे,
केशरिया वस्त्र पहन कर,
आओगे झोली भरकर,
चलो बाबा धाम,
चलो बाबा धाम।2।

शिव ही सुंदर शिव है घर घर,
भजे देव दनुज नारी और नर,
जिसका न कोई उसीके हैं संगी,
मेरे भोले जी,
बिगड़ी बिगड़ी बनाते हैं खुशियां लुटाते,
मेरे भोले जी,
पैदल जाओगे चलकर,
रटते रहना शिव हर हर,
चलो बाबा धाम,
चलो बाबा धाम।3।

शिव अविनाशी शिव कैलाशी,
शिव शम्भू मेरे मरघट वासी,
मस्तक पे चंदा गले में भुजंगा,
बिराजे सदा,
कहते दिगम्बर बाघम्बर पर आसन,
लगाते सदा,
रहते खुस भंग को पीकर,
जोगी का भेष बनाकर,
चलो बाबा धाम,
चलो बाबा धाम।4।

शिव पार्वती दुनिया भजती,
शिव गंग जटा में सदा रहती,
बेल की पाती कपूर की बाती,
लिऐ हम खड़े,
शूक शनिचर बने है बराती,
बगल में खड़े,
गाए रवि खुद लिख गाना,
बाबा सदमार्ग दिखाना,
चलो बाबा धाम,
चलो बाबा धाम।5।

कांधे पर कांवर लेकर,
शिव महाकाल को भजकर,
चलो बाबा धाम,
चलो बाबा धाम।6।

कांधे पर कांवर लेकर शिव महाकाल को भजकर भजन करने से हमें शिव जी की अपार कृपा प्राप्त होती है और भक्ति की शक्ति का अनुभव होता है। कांवर यात्रा केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि यह महादेव के प्रति प्रेम और समर्पण की पराकाष्ठा है। अगर आपको यह भजन पसंद आया, तो महाकाल आरती, शिव तांडव स्तोत्र, शिव चालीसा, और हर हर महादेव भजन भी करें। इन भजनों से आपकी भक्ति और प्रबल होगी और भोलेनाथ का आशीर्वाद सदैव आपके साथ रहेगा। 🚩✨

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