Kaisan Ashubh Amangal Bhesh Ba Tohar Dulha
कइसन अशुभ अमंगल भेष बा तोहार दुलहा,
कइसे परिछीं हम तोह के गँवार दुलहा,
सिर पर जटा हाथ तिरशूल,
बदन में असमशान के धूल,
गले नगवा करेला फुफकार दुलहा,
कइसे परिछीं हम….
नन्दी भृंगी साथ विराजत,
संग में भुत बैताल बा नाचत,
नाचत घुटने पर देइ देइ के ताल दुलहा,
कइसे परिछीं हम…..
अइसन बर के गौरा न देहब,
चाहे जहर खाई हम लेहब,
भले गौरा रहिहें कुआँर दुलहा,
कइसे परिछीं हम…..
नारद के हम काइ बिगड़नी,
कइलन हमसे अइसन करनी,
नारद गौरा के खोजलें बउराह दुलहा,
कइसे परिछीं हम……
सुनि के सास बचन त्रिपुरारी,
धइलन सुंदर रूप सवाँरी,
तोहार महिमा बा अगम अपार दुलहा,
तोहार अशुभ भेष भी मंगल के भंडार दुलहा,
चल परिछीं हम तोहके लबार दुलहा,
चल परिछीं हम…..

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile