जटाधारी बनके त्रिपुरारी बनके चले आना इस भजन में भक्त भगवान शिव से उनकी उपास्य रूपों की प्रार्थना करता है, जिसमें वे जटाधारी और त्रिपुरारी के रूप में आते हैं। यह भजन भगवान शिव की शक्ति, रूप, और उनके भक्तों के प्रति असीम करुणा का प्रतीक है। शिव जी के जटाधारी रूप में न सिर्फ उनकी महिमा का वर्णन होता है, बल्कि त्रिपुरारी रूप में उनके द्वारा त्रिपुरासुर के संहार की महिमा भी दर्शाई जाती है।
Jatadhari Banke Tripurari Banke Chale Aana Bhajan Lyrics
जटाधारी बनके त्रिपुरारी बनके,
चले आना भोले जी चले आना।।
तुम औघड़ रूप में आना,
तुम औघड़ रूप में आना,
भूत साथ लेके मुंड हाथ लेके,
चले आना भोले जी चले आना।
जटाधारी बन के त्रिपुरारी बनके,
चले आना भोले जी चले आना।।
तुम भंगिया रूप में आना,
तुम भंगिया रूप में आना,
झोला हाथ लेके भंग साथ लेके,
चले आना भोले जी चले आना।
जटाधारी बन के त्रिपुरारी बनके,
चले आना भोले जी चले आना।।
तुम जोगिया रूप में आना,
तुम जोगिया रूप में आना,
डमरू हाथ लेके नंदी साथ लेके,
चले आना भोले जी चले आना।
जटाधारी बन के त्रिपुरारी बनके,
चले आना भोले जी चले आना।।
तुम मोहिनी रूप में आना,
तुम मोहिनी रूप में आना,
गंगा साथ लेके चंदा माथ लेके,
चले आना भोले जी चले आना।
जटाधारी बन के त्रिपुरारी बनके,
चले आना भोले जी चले आना।।
तुम भोले रूप में आना,
तुम भोले रूप में आना,
गोरा साथ लेके त्रिशूल हाथ लेके,
चले आना भोले जी चले आना।
जटाधारी बन के त्रिपुरारी बनके,
चले आना भोले जी चले आना।।
जटाधारी बनके त्रिपुरारी बनके,
चले आना भोले जी चले आना,
जटाधारी बन के त्रिपुरारी बनके,
चले आना भोले जी चले आना।।
“जटाधारी बनके त्रिपुरारी बनके चले आना” जैसे भजन भगवान शिव के दिव्य रूपों की महिमा को उजागर करते हैं और हमें शिव के शरण में जाने के लिए प्रेरित करते हैं। इन भजनों को पढ़ने और करने से हम शिव जी के साथ एक गहरे और आत्मिक संबंध में बंध जाते हैं। यदि यह भजन आपके दिल को छूता है, तो आप “तेरे साथ रहना मुश्किल हो गया है मेरा भोले”, “दया करो भोलेनाथ दिन पे दया करो”, “नंदी की करके सवारी डमरू वाला रे”, और “पारवती शिवजी से बोली नीलकंठ योगेश्वर” जैसे अन्य शिव भजनों को भी अवश्य पढ़ें और शिव जी की भक्ति में अपना समर्पण और बढ़ाएं।

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile