जपते रहो सुबह शाम भोलेनाथ भजन लिरिक्स

जपते रहो सुबह शाम भोलेनाथ यह भजन उस अखंड भक्ति की प्रेरणा है, जो जीवन के हर क्षण में शिव का नाम स्मरण करने से उत्पन्न होती है। मैं, पंडित सत्य प्रकाश, आज आपके समक्ष इस मधुर भजन के माध्यम से एक ऐसा भाव लेकर आया हूँ जो शिव नाम के निरंतर जाप से आत्मा को शुद्ध करता है और जीवन में शांति भर देता है।

Japate Raho Subah Sham Bholenath

जपते रहो सुबह शाम भोलेनाथ,
जग में साँचा तेरा नाम भोलेनाथ…
जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ,
जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ।।

सांझ सवेरे भोलेनाथ के,
मंत्र का कर लो सुमिरन..
इनके सुमिरन से कटती है,
जीवन की हर उलझन,
कर दो मुश्किल सभी…
आसान भोलेनाथ,
जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ,
जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ।।

श्रष्टि के कण कण में केवल,
शिव का रूप समाया…
शिव के रूप की महिमा कोई,
जान कभी नहीं पाया,
तीनो लोको में सबसे…
महान भोलेनाथ,
जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ,
जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ।।

अम्बर जैसी ऊंचाई है और,
सागर सी गहराई…
शिव शंकर के नाम में तो है,
सारी सृष्टि समाई,
सारी सृष्टि का रखते है…
ध्यान भोलेनाथ,
जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ,
जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ।।

सबके कष्ट मिटाते है ये,
सबके काम बनाते…
उसको कष्ट नहीं आते,
जो इनके नाम को ध्याते…
सदा भक्तो का करते,
कल्याण भोलेनाथ…
जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ,
जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ।।

जपते रहो सुबह शाम भोलेनाथ,
जग में साँचा तेरा नाम भोलेनाथ…
जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ,
जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ।।


भोलेनाथ का नाम जपना केवल एक साधना नहीं, बल्कि एक जीवन शैली है जो हर भक्त को शिवमय बना देती है। “जपते रहो सुबह शाम भोलेनाथ” भजन हमें प्रेरित करता है कि हम दिन-रात शिव का स्मरण करते रहें और उनसे अटूट प्रेम बनाए रखें। ऐसे ही अन्य भावपूर्ण भजनों को भी जरूर पढ़ें, जैसे शिव ही सत्य है शिव ही सुन्दर, मेरे शंकर सा देव नहीं दूजा रे, भोले तेरे चरणों की गर धूल जो मिल जाए और ओ शंकर भोले जपती मैं तुमको हरदम। ये सभी भजन शिवभक्ति की गहराई को और अधिक सजीव कर देते हैं। हर हर महादेव!









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