जय शंकर कैलाशपति शिव भजन लिरिक्स

शिव भक्तों के लिए “जय शंकर कैलाशपति” भजन एक अद्भुत स्तुति है, जो हमें भगवान शिव की महिमा और उनकी दिव्यता का अनुभव कराती है। कैलाशपति महादेव, जो संहार के अधिपति हैं, अपने भक्तों पर असीम कृपा बरसाते हैं। जब हम इस भजन का पाठ करते हैं, तो यह हमें शिवजी की भक्ति में लीन होने और उनके चरणों में समर्पित होने की प्रेरणा देता है।

Jai Shankar Kailashpati Shiv Bhajan Lyrics

जय शंकर कैलाशपति शिव,
पूरण ब्रम्‍ह सदा अविनाशी,
पूरण ब्रम्‍ह सदा अविनाशी,
जय शंकर कैलाश पति शिव।1।

अंग विभूति गले मुंडमाला,
अंग विभूति गले मुंडमाला,
शीश जटा जल गंग बिलासी,
जय शंकर कैलाश पति शिव।2।

चंद्रकला मस्तक पर सोहे,
चंद्रकला मस्तक पर सोहे,
तीन नयन त्रैलोक्य विकाशी,
जय शंकर कैलाश पति शिव।3।

कर त्रिशूल पहरे मृग छाला,
कर त्रिशूल पहरे मृग छाला,
संग बसे गिरिजा नित दासी,
जय शंकर कैलाश पति शिव।4।

‘ब्रम्‍हानंद’ करो करुणा प्रभु,
‘ब्रम्‍हानंद’ करो करुणा प्रभु,
भव भंजन भक्तन सुखराशी,
जय शंकर कैलाश पति शिव।5।

जय शंकर कैलाशपति शिव,
पूरण ब्रम्‍ह सदा अविनाशी,
पूरण ब्रम्‍ह सदा अविनाशी,
जय शंकर कैलाश पति शिव।6।

भगवान शिव की स्तुति करने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं, और भक्त को अद्भुत शांति व शक्ति प्राप्त होती है। “जय शंकर कैलाशपति” भजन की तरह “महाकाल की कृपा से सब काम हो रहा है”, “भोलेनाथ ने पकड़ा हाथ नहीं तो मैं बह जाता”, “शिव का जपले नाम क्या लागे तेरा” और “हमको तो बस भोलेनाथ चाहिए” जैसे भजन भी शिवजी की अपार महिमा का गुणगान करते हैं। आइए, इन पावन भजनों का पाठ करें और भोलेनाथ की कृपा प्राप्त करें। 🔱🙏

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