जगत के सर पर जिनका हाथ वही है अपने भोले नाथ लिरिक्स

Jagat Ke Sar Par Jinka Hath Wahi Hai Apne Bhole Nath Lyrics

जगत के सर पर जिनका हाथ,
वही है अपने भोले नाथ,
जिन चरणों में सदा झुकाती,
जिन चरणों में सदा झुकाती,
सारी दुनिया माथ,
वही है अपने भोले नाथ,
वही है अपने भोले नाथ।।

श्रष्टि के पालक तुम ही,
कुशल संचालक तुम ही,
तुम्ही हो जग विस्तारक,
तुम्ही इसके संघारक,
जिनको पाकर कभी ना समझे,
जिनको पाकर कभी ना समझे,
खुद को कोई अनाथ,
वही है अपने भोले नाथ,
वही है अपने भोले नाथ।।

हिमालय पर तुम रहते,
मार मौसम की सहते,
गले में सर्प लपेटे,
मगन मन रहते लेटे,
भूत प्रेत बेताल हमेशा,
भूत प्रेत बेताल हमेशा,
रहते जिनके साथ,
वही है अपने भोले नाथ,
वही है अपने भोले नाथ।।

कृपा सब पर बरसाते,
सभी का मन हर्षाते,
भक्त गण जब भी टेरे,
सदा जो दौड़े आते,
अनुज ‘देवेंद्र’ भी पाकर जिनको,
अनुज ‘देवेंद्र’ भी पाकर जिनको,
अब हो गए सनाथ,
वही है अपने भोले नाथ,
वही है अपने भोले नाथ।।

जगत के सर पर जिनका हाथ,
वही है अपने भोले नाथ,
जिन चरणों में सदा झुकाती,
जिन चरणों में सदा झुकाती,
सारी दुनिया माथ,
वही है अपने भोले नाथ,
वही है अपने भोले नाथ।।

“जगत के सर पर जिनका हाथ, वही हैं अपने भोलेनाथ” भजन शिव जी की अपार करुणा और सुरक्षा का अनुभव कराता है। यह भजन करने से भक्तों के हृदय में साहस, शांति और अटूट भक्ति का संचार होता है। भोलेनाथ की महिमा को और भी गहराई से जानने के लिए आप मेरे सिर पर रख दो भोले अपने ये दोनों हाथ, भोले भंडारी सुनो विनती हमारी, शिव के शरण में नहीं गए तो क्या होगा संसार का और भोले गिरीजापति शंकर हमें तेरा सहारा है जैसे अन्य भजनों को भी पढ़ें, और शिव भक्ति की इस अमूल्य साधना को जीवन में उतारें।

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