Humare Bhole Baba Ko Mana Lo
हमारे भोले बाबा को मना लो जिसका दिल चाहे……
शीश पर चंद्रमा सोहे गले में मुंह मुंड माला है,
जटा में बह रही गंगा नहा लो जिसका दिल चाहे,
हमारे भोले बाबा को मना लो जिसका दिल चाहे……
अंग में रम रही भस्मी बगल में मृग छाला है,
हाथ में सज रहा डमरू बजा लो जिसका दिल चाहे,
हमारे भोले बाबा को मना लो जिसका दिल चाहे……
नंदिया संग में सोहे बगल में प्यारी गौरा है,
गोद में गणपति लाला खिला लो जिसका दिल चाहे,
हमारे भोले बाबा को मना लो जिसका दिल चाहे……
मंदिर में भोले बाबा है भक्तो का आना जाना है,
भीड़ भक्तो की है भारी मांग लो जिसका दिल चाहे,
हमारे भोले बाबा को मना लो जिसका दिल चाहे……

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile