हे त्रिपुरारी हे गंगाधारी भोले शंकर इस भजन में भगवान शिव के विभिन्न नामों त्रिपुरारी, गंगाधारी, और भोले शंकर के माध्यम से उनकी महिमा का गान किया गया है। यह भजन शिव जी की उस विराट और सौम्य छवि को समर्पित है, जिसमें वे संहारक भी हैं और करुणामयी भी। जब हम ऐसे भजनों को पढ़ते हैं, तो यह अनुभव होता है मानो स्वयं भोलेनाथ हमारे अंतःकरण में विराजमान हो जाते हैं।
Hey Tripurari Hey Gangadhari Bhole Shankar Bhajan Lyrics
हे त्रिपुरारी हे गंगाधारी,
भोले शंकर,
भस्म रमाए भक्त सहाई,
हे कैलाश के वासी,
दिखा दो छवि अविनाशी,
है तेरे भक्त अभिलाषी,
अंखिया दर्शन की प्यासी,
हे त्रिपुरारी हे गंगाधारी।
नित्य प्रति जो भोले बाबा को ध्याते,
मंदिर में उनका ध्यान लगाते,
पुष्प चढ़ाते भजन है गाते तेरे शंकर,
पुष्प चढ़ाते भजन है गाते तेरे शंकर,
सुन लो पुकार कर उद्धार,
हे कैलाश के वासी,
दिखा दो छवि अविनाशी,
है तेरे भक्त अभिलाषी,
अंखिया दर्शन की प्यासी,
हे त्रिपुरारी हे गंगाधारी।।
संकट में जब भक्त पुकारे,
पावन तेरा नाम उचारे,
संकट हरते है सबके नीलेश्वर,
कर कल्याण रूप महान,
दिखाओ औघड़दानी,
हे कैलाश के वासी,
दिखा दो छवि अविनाशी,
है तेरे भक्त अभिलाषी,
अंखिया दर्शन की प्यासी,
हे त्रिपुरारी हे गंगाधारी।।
भक्ति मेरी तेरे चरणों में अर्पण,
ध्यान में तेरे रहे डूबा मेरा मन,
हे शिव शंकर मुझको दो,
निर्मल भक्ति का वर,
सांझ सवेरे दर्शन के तेरे,
है तेरे भक्त अभिलाषी,
हे कैलाश के वासी,
दिखा दो छवि अविनाशी,
है तेरे भक्त अभिलाषी,
अंखिया दर्शन की प्यासी,
हे त्रिपुरारी हे गंगाधारी।।
हे त्रिपुरारी हे गंगाधारी,
भोले शंकर,
भस्म रमाए भक्त सहाई,
हे कैलाश के वासी,
दिखा दो छवि अविनाशी,
है तेरे भक्त अभिलाषी,
अंखिया दर्शन की प्यासी,
हे त्रिपुरारी हे गंगाधारी।।
“हे त्रिपुरारी हे गंगाधारी भोले शंकर” जैसे भजन हमें शिव जी की महिमा, उनके सौंदर्य और शक्ति का साक्षात्कार कराते हैं। शिव जी के नामों का जप और उनके भजनों का गायन अथवा पठन जीवन में दिव्यता और आंतरिक शांति लाता है। यदि यह भजन आपको भावविभोर कर रहा हो, तो आप “घर में पधारो भोले बाबा”, “भोले के गले में काला नाग डोले”, “जय हो शिव भोला भंडारी”, और “शिव शंकर चले कैलाश” जैसे अन्य शिव भजनों को भी अवश्य पढ़ें और भोलेनाथ की भक्ति में लीन हों। शिव जी के भजन करने से जीवन में ऊर्जा, आस्था और कृपा का संचार होता है।

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile