हे शिव भोले भंडारी मैं आया शरण तिहारी लिरिक्स

हे शिव भोले भंडारी मैं आया शरण तिहारी भजन भगवान शिव की भक्ति में समर्पण और विश्वास की अभिव्यक्ति है। यह भजन शिव जी की अनन्त कृपा और उनकी शरण में शरणागत के भाव को व्यक्त करता है। जब भक्त अपने जीवन में किसी भी संकट या परेशानी से जूझता है, तो वह शिव जी के चरणों में शरण लेने आता है, यह भजन उसी भाव का प्रतीक है। शिव भंडारी के दर पर न कोई दुख और न कोई डर होता है, क्योंकि वे हर भक्त के संकटों को हर लेते हैं और अपने दिव्य आशीर्वाद से उन्हें जीवन में सुख-शांति प्रदान करते हैं।

Hey Shiv Bhole Bhandari Main Aaya Sharan Tihari

हे शिव भोले भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी।
हे शिव भोलें भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी।।


बाघम्बर तेरे अंग पर सोहे,
हाथ में तिरशूल भारी,
भूत पिशाच नृत्य करे संग में।
नाचे दे दे ताली,
हे शिव भोलें भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी।।


डम डम डमरू बजाए,
नंदी की सवारी…
विष को पीकर क्षण में शिव ने,
देवो की विपदा टारि…
हे शिव भोलें भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी।।


उमा रमण शम्भू त्रिपुरारी,
भव भय भंजनहारी,
इस विरले दानी की महिमा…
गावे सब नर नारी,
हे शिव भोलें भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी।।


‘दामोदर’ की विनती यही है,
काटो विपदा हमारी…
कष्ट मिटा जग के तुम कर दो,
घर घर में खुशयारी…

हे शिव भोलें भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी।।


हे शिव भोले भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी…
हे शिव भोलें भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी।।

हे शिव भोले भंडारी मैं आया शरण तिहारी भजन भगवान शिव के प्रति अपार श्रद्धा और प्रेम को व्यक्त करता है। शिव शंकर का भव्य रूप और उनका दिव्य अस्तित्व उनके भजनों के माध्यम से भक्तों तक पहुंचता है, जो उन्हें आंतरिक शांति और आशीर्वाद प्रदान करते हैं। इसी प्रकार, शिव तांडव और हर हर महादेव जैसे अन्य भजन भी भगवान शिव की महिमा का गुणगान करते हैं और हमें उनके चरणों में श्रद्धा और विश्वास रखने की प्रेरणा देते हैं। शिव के भजनों से हमें हर संकट से उबरने की शक्ति मिलती है और उनकी शरण में जाकर जीवन को फिर से संजीवनी मिलती है।









Share

Leave a comment