Gaura Jhula Jhul Rahi Bhole Nath Ke Sang
सावन की बरसै रिमझिम फुंहार,
पेड़ों पे झूलो की लगी कतार,
गौरा झूला झूल रही भोले नाथ संग,
मैयां झूल झूल रही भोले नाथ संग………
कुहू कुहकती है कोयल,
पीहू-पीहू पपीहा पुकारेँ,
भोले दानी के दर्शन करने,
भगत हजारो पधारें,
झूलन की रुत है आई,
गौरा झूल झूल रही भोले नाथ संग,
मैयां झूल झूल रही भोले नाथ के संग……….
भोले बाबा के डमरुँ पे,
नंदी गणपत भी झूम रहे हैं,
बादलोँ को भी देखो इन पर,
कैसे मोती बरसा रहे है,
पवन चले पुरवाई,
गौरा झूल झूल रही भोले नाथ संग,
मैयां झूल झूल रही भोले नाथ के संग………
देवता भी संग में आज,
हो कर मगन नाँचते हैं,
हाथ जोड़ इनसे,
आशीर्वाद सभ माँगते हैं
महिमा ये ना गाई जाए
गौरा झूला झूल रही भोले नाथ संग,
मैयां झूल झूल रही भोले नाथ के संग,
सावन की बरसै रिमझिम फुंहार,
पेड़ों पे झूलो की लगी कतार,
गौरा झूला झूल रही भोले नाथ संग,
मैयां झूल झूल रही भोले नाथ के संग……..

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile