गौरा ढूंढ रही पर्वत पर शिव को पति बनाने को एक अत्यंत भावुक और सुंदर शिव भजन है, जो माता पार्वती की तपस्या और भगवान शिव के प्रति उनके अटूट प्रेम को दर्शाता है। इस भजन में गौरा शिवजी को अपने पति के रूप में पाने के लिए पर्वतों में भटकते हुए तपस्या करती हैं। यह भजन शिवजी और माता पार्वती के प्रेम की गहरी भावना को उजागर करता है और हमें यह सिखाता है कि सच्ची भक्ति और प्रेम से भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है।
Gaura Dhundh Rahi Parvat Par Shiv Ko Pati Banane Ko Lyrics
गौरा ढूंढ रही पर्वत पर,
शिव को पति बनाने को,
पति बनाने को, भोले को,
पति बनाने को,
गौरा ढूंढ रही पर्वत पे,
शिव को पति बनाने को।।
ना चाहिए मुझे माथे का टिका,
मांग सजाने को,
हमें तो चाहिए भोला तेरी माला,
हरी गुण गाने को,
गौरा ढूंढ रही पर्वत पे,
शिव को पति बनाने को।।
ना चाहिए मुझे सोने की नथनी,
नाक सजाने को,
हमें तो चाहिए भोला तेरी माला,
हरी गुण गाने को,
गौरा ढूंढ रही पर्वत पे,
शिव को पति बनाने को।।
ना चाहिए मुझे गले का हरवा,
गला सजाने को,
हमें तो चाहिए भोला तेरी माला,
हरी गुण गाने को,
गौरा ढूंढ रही पर्वत पे,
शिव को पति बनाने को।।
ना चाहिए मुझे सोने का कंगना,
हाथ सजाने को,
हमें तो चाहिए भोला तेरी माला,
हरी गुण गाने को,
गौरा ढूंढ रही पर्वत पे,
शिव को पति बनाने को।।
ना चाहिए मुझे रेशम की साड़ी,
तन पे सजाने को,
हमें तो चाहिए भोला तेरी माला,
हरी गुण गाने को,
गौरा ढूंढ रही पर्वत पे,
शिव को पति बनाने को।।
ना चाहिए मुझे सोने की करधनी,
कमर सजाने को,
हमें तो चाहिए भोला तेरी माला,
हरी गुण गाने को,
गौरा ढूंढ रही पर्वत पे,
शिव को पति बनाने को।।
गौरा ढूंढ रही पर्वत पर,
शिव को पति बनाने को,
पति बनाने को, भोले को,
पति बनाने को,
गौरा ढूंढ रही पर्वत पे,
शिव को पति बनाने को।।
“गौरा ढूंढ रही पर्वत पर शिव को पति बनाने को” जैसे भजन हमें भगवान शिव और माता पार्वती के प्रेम और भक्ति की महिमा को समझने में मदद करते हैं। शिवजी की भक्ति हमें जीवन में शांति और संतुलन प्रदान करती है। भगवान शिव के अन्य भजनों जैसे “शिव तांडव स्त्रोत,” “ॐ नमः शिवाय,” और “भोलेनाथ की आरती” को भी पढ़ने से हम शिवजी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। इन भजनों को पढ़ने से हमारे जीवन में भगवान शिव की दिव्य उपस्थिति और आशीर्वाद का अनुभव होता है, जो हमें आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile