Gang Barse Bhije Aaughadadani Gang Barse Bhajan Lyrics
गंग बरसे भीजे औघड़दानी,
गंग बरसे,
हे गंग बरसे भीजे औघ-ड़दानी,
गंग बरसे।।
भांग धतूरा का भोजन बनाया,
भांग धतूरा का भोजन बनाया,
खाये भोले दातार भगत तरसे,
गंग बरसे,
गंग बरसे भीजे औघड़-दानी,
गंग बरसे।।
गांजा और सुल्फा का चिलम भराया,
गांजा और सुल्फा का चिलम भराया,
खींचे भोले सरकार चिलम भरके,
गंग बरसे,
ओ गंग बरसे भीजे औघड़-दानी,
गंग बरसे।।
कैलाश पर्वत पे आसन लगाया,
कैलाश पर्वत पे आसन लगाया,
‘शर्मा’ किये श्रृंगार भगत हरषे,
गंग बरसे,
ओ गंग बरसे भीजे औघड़-दानी,
गंग बरसे।।
गंग बरसे भीजे औघड़-दानी,
गंग बरसे,
हो गंग बरसे भीजे औघड़दानी,
गंग बरसे।।

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile