देव है ये भोले भक्तों का खुद भी भोला भाला भजन में भगवान शिव की उस सहजता और करुणा का भाव झलकता है, जिसे जानकर हर भक्त का मन भावविभोर हो उठता है। मैं, पंडित सत्य प्रकाश, आज आपके लिए इस सुंदर भजन को लेकर उपस्थित हुआ हूँ, जिसमें भोलेनाथ की सरलता और अपने भक्तों पर असीम प्रेम की भावना को बड़े मधुर शब्दों में व्यक्त किया गया है। यह भजन निश्चित ही हर शिवभक्त के अंतर्मन को छूने वाला है।
Dev Hai Ye Bhole Bhakto Ka Khud Bhi Bhola Bhala
देव है ये भोले भक्तो का,
खुद भी भोला भाला।
मेरा डमरू वाला,
मेरा डमरू वाला।
शमशानों में भूतो के संग,
इसने डेरा डाला।
मेरा डमरू वाला,
मेरा डमरू वाला।।
सागर का हुआ जब मंथन,
तब देव असुर सब आए।
सबको था अमृत पीना,
कोई विष ना पीना चाहे।
छोड़ के अमृत शिव शंकर ने,
सारा विष पी डाला।
मेरा डमरू वाला,
मेरा डमरू वाला।।
तपकर के भागीरथ ने,
गंगा धरती पे उतारी।
कोई रोक ना पाया उसको,
धारा में वेग था भारी।
बांध के अपनी जटा में उसको,
अनहोनी को टाला।
मेरा डमरू वाला,
मेरा डमरू वाला।।
सावन के महीने में जब,
कावड़ियों की निकले टोली।
हर गली गली में गूंजे,
इसके ही नाम की बोली।
कोई बम बम बोल पुकारे,
कोई कहे बम भोला।
मेरा डमरू वाला,
मेरा डमरू वाला।।
मेवा मिष्ठानो के हो,
या थाल भरे हो फल के,
भोले तो खुश होते है।
लुटिया भर गंगाजल से,
बेल पत्र और आक धतूरा।
और भंगिया पिने वाला,
मेरा डमरू वाला,
मेरा डमरू वाला।।
देव है ये भोले भक्तो का,
खुद भी भोला भाला।
मेरा डमरू वाला,
मेरा डमरू वाला,
शमशानों में भूतो के संग।
इसने डेरा डाला,
मेरा डमरू वाला,
मेरा डमरू वाला।।
देव है ये भोले भक्तों का खुद भी भोला भाला भजन भोलेनाथ की सच्ची महिमा को दर्शाता है जो स्वयं भोले हैं, और अपने हर भक्त की पुकार को बिना किसी भेदभाव के स्वीकार करते हैं। इस भजन को पढ़कर शिव के उस रूप से साक्षात्कार होता है जो अति सरल, दयालु और प्रेममयी है। शिवभक्तों से निवेदन है कि वे शिव शम्भू सा निराला कोई देवता नहीं है, भोले बाबा मेरा प्यारा डमरू वाला, शिव शंकर डमरूधारी है जग के आधार और मेरे तो आधार हैं भोलेनाथ के चरणारविंद जैसे अन्य भजनों को भी अवश्य करें, ताकि शिवभक्ति की यह धारा निरंतर बहती रहे और आपके जीवन में शिव कृपा बनी रहे।

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile