Dekhe Ri Maine Do Jhule Matwale
देखे री मैंने दो झूले मतवाले,
एक पे झूले डमरू वाले एक पे मुरली वाले…..
गौरा के संग झूले सदाशिव झूले डमरू वाले,
राधा के संग झूले कन्हैया झूले बांसुरी वाले,
गंगा के संग जमुना झूले देखे दुनिया वाले…..
झूला देखने आई कैलाश पे इंद्र के संग इंद्राणी,
ब्रज में आई विष्णु जी संग लक्ष्मी जी महारानी,
नंद के संग यशोदा झूले झूला रहे सब ग्वाले….
यमुना तट पर बंधा है झूला झूला मचका खावे,
ठंडी-ठंडी चले पवन घुंघट मुख से उड़ जावे,
रिमझिम रिमझिम सावन बरसे बरसे बादल काले…..
गज मोतियन से बंधो है झूला खिली कमल सी कली कली,
घिर घिर आए कारी बदरिया चम चम चमके बिजली,
कार्तिक झूले गणपत झूले झूले नादिया वाला…..
सावन की ऋतु सदा सुहागन शिव को लगती प्यारी,
मनमोहन की मुरली पर मैं जाऊं वारी वारी,
कृष्ण राधिका दोनों झूले मन को लुभाने वाले…..

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile