डमरू वाले बाबा जटाधारी बाबा भजन लिरिक्स

डमरू वाले बाबा जटाधारी बाबा इस भजन में भगवान शिव के दो विशेष रूपों डमरूधारी और जटाधारी का सुंदर वर्णन किया गया है। डमरू की ध्वनि जहां ब्रह्मांड की उत्पत्ति का प्रतीक है, वहीं उनकी जटाओं से बहती गंगा जीवन की पवित्रता और प्रवाह का संदेश देती है। यह भजन हमें शिव जी के भव्य स्वरूप और उनकी शक्तियों की अनुभूति कराता है, जिससे मन श्रद्धा और भक्ति से भर उठता है।

Damaru Wale Baba Jatadhari Baba Bhajan Lyrics

डमरू वाले बाबा जटाधारी बाबा,
तेरी महिमा अपार दया का तू है भंडार,
तेरे गुण गाए हम जहाँ भी जाए हम,
डमरू वाले बाबा जटाधारी बाबा।।

” जग के स्वामी शंकर भोले,
बाबा साईं फ़क़ीर,
तुमने ही हम सब की लिख दी,
जीवन की तक़दीर। “

बैठा है विभूति मल के,
तू कैलाश पर,
सूरज लगाए जहाँ डेरा हां डेरा,
दामन में तेरे करते,
नाग अटखेलिया,
अद्भुत रूप ये है तेरा हां तेरा,
बम बम भोले जय जय शिव शंकर,
हर हर हर महादेव,
बम बम भोले जय जय शिव शंकर,
हर हर हर महादेव,
डमरू वाले बाबा जटाधारी बाबा।।

तेरी जटा से निकली,
गंगा की धारा,
पावन करे ये जीवन सारा हां सारा,
तेरे चरणों में सारे तीरथ समाए,
तू एक सबका सहारा सहारा,
बम बम भोले जय जय शिव शंकर,
हर हर हर महादेव,
बम बम भोले जय जय शिव शंकर,
हर हर हर महादेव,
डमरू वाले बाबा जटाधारी बाबा।।

डमरू वाले बाबा जटाधारी बाबा,
तेरी महिमा अपार दया का तू है भंडार,
तेरे गुण गाए हम जहाँ भी जाए हम,
डमरू वाले बाबा जटाधारी बाबा।

” जग के स्वामी शंकर भोले,
बाबा साईं फ़क़ीर,
तुमने ही हम सब की लिख दी,
जीवन की तक़दीर। “

“डमरू वाले बाबा जटाधारी बाबा” जैसे भजन शिव जी की अलौकिकता और सौम्यता का अद्भुत संगम हैं। जब हम ऐसे भजनों को करते या पढ़ते हैं, तो हमारे भीतर एक दिव्य ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार होता है। शिव जी के ये रूप हमें जीवन में संतुलन, साहस और समर्पण का संदेश देते हैं। यदि यह भजन आपके हृदय को स्पर्श करता है, तो आप “हे त्रिपुरारी हे गंगाधारी भोले शंकर”, “घर में पधारो भोले बाबा”, “भोले के गले में काला नाग डोले”, और “जय हो शिव भोला भंडारी” जैसे अन्य शिव भजनों को भी अवश्य पढ़ें और शिव भक्ति की गहराइयों में उतरें।

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