डमरू बजाए अंग भस्मी रमाए पढ़ने जा रहे हैं, वह भगवान शिव के अद्वितीय रूप और उनके शक्तिशाली स्वरूप को प्रदर्शित करता है। इस भजन में भगवान शिव के डमरू बजाने, अंगों पर भस्म लगाने और उनके साधना की गहरी स्थिति का वर्णन किया गया है। यह भजन भगवान शिव की तात्त्विकता और उनकी शक्ति का प्रतीक है, जो हमारे जीवन में शांति और सुख की बहार लाता है।
Damaru Bajaye Ang Bhasmi Ramaye Bhajan Lyrics
डमरू बजाए अंग भस्मी रमाए,
और ध्यान लगाए किसका,
ना जाने वो डमरू वाला,
ना जाने वो डमरू वाला,
सब देवो में सब देवों में,
है वो देव निराला,
डमरू बजाए अंग भस्मी रमाये,
और ध्यान लगाए किसका।।
मस्तक पे चंदा,
जिसकी जटा में है गंगा,
रहती पार्वती संग में,
सवारी है बूढ़ा नंदा,
है नंदा,
वो कैलाशी है अविनाशी,
पहने सर्पो की माला,
डमरू बजाए अंग भस्मी रमाये,
और ध्यान लगाए किसका।।
बाघम्बर धारी,
वो है भोला त्रिपुरारी,
रहता है वो मस्त सदा,
जिसकी महिमा है भारी,
है न्यारी,
वो शिव शंकर है प्रलयंकर,
रहता सदा मतवाला,
डमरू बजाए अंग भस्मी रमाये,
और ध्यान लगाए किसका।।
सारे मिल गायें,
शिव शम्भू को ध्याये,
जो भी मांगे सो पाए,
दर से खाली ना जाए,
जो आए,
बड़ा है दानी बड़ा ही ज्ञानी,
सारे जग का रखवाला,
डमरू बजाए अंग भस्मी रमाये,
और ध्यान लगाए किसका।।
डमरू बजाए अंग भस्मी रमाए,
और ध्यान लगाए किसका,
ना जाने वो डमरू वाला,
ना जाने वो डमरू वाला,
सब देवो में सब देवों में,
है वो देव निराला,
डमरू बजाए अंग भस्मी रमाये,
और ध्यान लगाए किसका।।
“डमरू बजाए अंग भस्मी रमाए” भजन भगवान शिव की अद्वितीयता और उनकी दिव्यता को दर्शाता है। भगवान शिव के द्वारा बजाए गए डमरू और उनके अंगों पर भस्म लगाने का यह रूप हमें यह सिखाता है कि शिव जी का आशीर्वाद ही जीवन की सच्ची शक्ति है। जो भी इस भजन को श्रद्धा से पढ़े या नियमित रूप से करे, वह भगवान शिव के कृपा से जीवन के कठिन रास्तों को सरल कर सकता है और उसकी भक्ति में गहरा आत्मिक शांति पा सकता है। अगर यह भजन आपके दिल को शांति और संतोष प्रदान करता है, तो “शिव शंभू तेरी महिमा न्यारी”, “जो उज्जैन की शान है वो बाबा महाकाल है”, “भोले तेरे द्वार का दीवाना” और “महाकाल की नगरी में मकान होना चाहिए” जैसे अन्य शिव भजनों को भी पढ़ें। ये भजन आपकी शिव भक्ति को और गहरा और सशक्त बनाएंगे।

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile